अब भारत भी करेगा अंतरिक्ष की सैर, ISRO तैयार कर रहा है स्पेस टूरिस्ट फ्लाइट, 7 दिन रह सकेंगे लोग

कहा जाता है कि आने वाला समय स्पेस इंडस्ट्री का है. जो देश जितना घुमेगा उसे उतना फायदा मिलेगा. कहने का मतलब है कि पृथ्वी के संसाधन खत्म हो रहे हैं, ऐसे में मानव जीवन को बचाने के लिए अन्य ग्रहों पर जाना बेहद जरूरी है. भारत समेत दुनिया भर के 61 देश इस पर काम कर रहे हैं.

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हम में से कई लोगों को लगता है कि धरती के बाहर भी एक दुनिया है. भले ही हमलोगों के पास पुख्ता सबूत नहीं हैं, मगर ये सच है. देश-विदेश के वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. अभी हाल ही में हमने देखा कि स्पेस को लेकर प्राइवेट कंपनियां बहुत ही ज्यादा जागरुक हो चुकी हैं. स्पेस टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए एलन मस्क समेत 2 और कंपनियां हैं, जो इस पर काम कर रही हैं. अब भारत भी इसी दिशा में काम कर रहा है. अंतरिक्ष की सैर अब आम भारतीय भी कर सकते हैं. इसको लेकर इसरो ( ISRO ) स्पेस टूरिस्ट फ्लाइट तैयार कर रहा है.

कहा जाता है कि आने वाला समय स्पेस इंडस्ट्री का है. जो देश जितना घुमेगा उसे उतना फायदा मिलेगा. कहने का मतलब है कि पृथ्वी के संसाधन खत्म हो रहे हैं, ऐसे में मानव जीवन को बचाने के लिए अन्य ग्रहों पर जाना बेहद जरूरी है. भारत समेत दुनिया भर के 61 देश इस पर काम कर रहे हैं.

साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेंद्र सिंह का कहना है कि लो अर्थ ऑर्बिट यानी धरती की सबसे करीब सतह पर जाने के लिए स्पेस एजेंसियां स्वदेशी फ्लाइट तैयार करने में लगी हुई हैं. अंतरिक्ष में लोगों को घुमाने वाले मिशन को भारत ने ‘गगनयान मिशन' नाम दिया है.

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इस प्रोजेक्ट को तीन तरह से ट्रायल किया जाएगा. पहले ट्रायल में स्पेस में ऐसी फ्लाइट भेजी जाएगी, जिसमें इंसान न हो. दूसरे ट्रायल में महिला रोबोट के साथ विमान अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. तीसरे ट्रायल में 2 लोगों को स्पेस फ्लाइट में भेजा जाएगा.

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