बांग्लादेश ने खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा, अब उनके लिए कोई सम्मान नहीं- एंजेलो मैथ्यूज

मैथ्यूज ने कहा, ‘‘उस समय ऐसा नहीं करने और फिर बाद में कहने का क्या मतलब है? मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अगर मैं वहां होता तो हम मैच जीत सकते थे. यह एक अलग कहानी है लेकिन फिर भी, तकनीक का उपयोग करने के लिए आपके अंदर सामान्य समझ जरूरी है.

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श्रीलंका के ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने बांग्लादेश के खिलाफ उनके ‘टाइम आउट' के लिए विरोधी टीम और कप्तान शाकिब अल हसन की अपील को ‘शर्मनाक' करार दिया और कहा कि इससे खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट' होने वाले पहले बल्लेबाज बने. मैथ्यूज जैसे ही क्रीज पहुंचे और हेलमेट लगाने लगे तो उसका स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने ड्रेसिंग रूम से दूसरा हेलमेट लाने का इशारा किया लेकिन इसमें दो मिनट से अधिक का समय लग गया. इस बीच शाकिब ने मैथ्यूज के खिलाफ टाइम आउट की अपील की और अंपायर मराइस इरासमस ने उन्हें आउट करार दे दिया

गौतम गंभीर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है

मैथ्यूज ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था और यह सिर्फ साजो सामान के खराब होने से जुड़ी समस्या थी. मैथ्यूज ने श्रीलंका की तीन विकेट की हार के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया था. मेरे पास क्रीज पर पहुंचने और खुद को तैयार करने के लिए दो मिनट का समय था, जो मैंने किया. और फिर यह एक उपकरण की खराबी थी. और मुझे नहीं पता कि सामान्य समझ कहां गई. अगर वे इस तरह क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो जाहिर तौर पर यह शाकिब और बांग्लादेश के लिए शर्मनाक है. अगर वे उस स्तर तक गिर गए हैं तो मुझे लगता है कि कुछ बहुत गलत है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘नियम कहता है कि आपको दो मिनट के भीतर तैयार रहना होगा और मैं वहां दो मिनट 45 या 50 सेकेंड तक था. मेरा हेलमेट टूटने के बाद भी मेरे पास पांच सेकेंड और थे और अंपायरों ने भी हमारे कोच से कहा है कि उन्होंने मेरा हेलमेट टूटते नहीं देखा. मेरा मतलब है, मैं सिर्फ अपना हेलमेट मांग रहा था.'' मैथ्यूज ने कहा, ‘‘यह सिर्फ सामान्य समझ है. मैं मांकडिंग या क्षेत्ररक्षण में बाधा डालने की बात नहीं कर रहा हूं. यह बिल्कुल सामान्य समझ है. खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया. यह बेहद शर्मनाक है.''

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मैच के बाद श्रीलंका के खिलाड़ियों ने बांग्लादेश के खिलाड़ियों के साथ हाथ नहीं मिलाया, टीम के इस बर्ताव के बारे में पूछे जाने पर मैथ्यूज ने कहा, ‘‘ आपको उन लोगों का सम्मान करना होगा जो हमारा सम्मान करते हैं. मेरा मतलब है कि हम सभी इस खूबसूरत खेल के दूत हैं जिनमें अंपायर भी शामिल हैं. तो फिर यदि आप सम्मान नहीं करते हैं और यदि आप अपनी सामान्य समझ का उपयोग नहीं करते हैं, तो आप और क्या मांग सकते हैं?'' मैथ्यूज ने कहा कि अब उनके मन में शाकिब और बांग्लादेश की टीम के लिए कोई सम्मान नहीं है.

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उन्होंने कहा, ‘‘आज तक मेरे मन में उनका और बांग्लादेश टीम का काफी सम्मान था. जाहिर है आप सभी जीतने के लिए खेलते हैं. और यदि यह नियम के अंतर्गत है तो ठीक है. लेकिन नियम स्पष्ट रूप से कहता है, आज मेरे मामले में मैं दो मिनट के भीतर वहां था. हमारे पास वीडियो सबूत हैं. हम बाद में एक बयान देंगे. हमारे पास वीडियो सबूत हैं, फुटेज हैं, सब कुछ देखा गया. मैं यहां सिर्फ आकर बातें नहीं कह रहा हूं. मैं सबूत के साथ बात कर रहा हूं.''

मैथ्यूज ने कहा, ‘‘हमारे पास वीडियो सबूत हैं जहां कैच लेने के समय से लेकर और फिर जब मैं क्रीज में चला गया, तब भी मेरे पास हेलमेट टूटने के बाद पांच सेकेंड का समय था. हम खिलाड़ियों की सुरक्षा के बारे में बात करते हैं- आप लोग मुझे बताएं कि क्या मेरे लिए बिना हेलमेट के गार्ड लेना सही है?''

मैथ्यूज ने अंपायरों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे उन्हें आउट देने से पहले तकनीक का इस्तेमाल कर सकते थे.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उस समय अंपायरों की बड़ी जिम्मेदारी थी क्योंकि वे कम से कम इसे जांच तो सकते थे. हम खिलाड़ी की सुरक्षा के बारे में बात करते हैं. वे स्पिनर के खिलाफ विकेटकीपर को बिना हेलमेट के विकेटकीपिंग नहीं करते देते तो मैं बिना हेलमेट के गार्ड कैसे ले सकता हूं. यह पूरी तरह से उपकरण की खराबी है.''

मैथ्यूज ने कहा कि उन्होंने अपने 15 साल के करियर में किसी टीम को इतना नीचे गिरते हुए नहीं देखा और वे स्तब्ध थे कि इस मामले में समझदारी से काम नहीं लिया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अपने 15 साल के करियर में मैंने कभी किसी टीम को उस स्तर तक नीचे जाते नहीं देखा क्योंकि जाहिर तौर पर अंपायरों ने भी स्वीकार किया कि यह उपकरण की खराबी थी और वे तीसरे अंपायर से इसे दिखा सकते थे.''

मैथ्यूज ने कहा, ‘‘उस समय ऐसा नहीं करने और फिर बाद में कहने का क्या मतलब है? मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अगर मैं वहां होता तो हम मैच जीत सकते थे. यह एक अलग कहानी है लेकिन फिर भी, तकनीक का उपयोग करने के लिए आपके अंदर सामान्य समझ जरूरी है. साथ ही यह स्पष्ट रूप से एक खराबी थी. मेरा मतलब है कि यह बस टूट गया. मेरा इरादा इसे खींचकर तोड़ने का नहीं था. मेरे पास फिर भी समय था और मैं पूरी तरह से सदमे में था.''

मैथ्यूज से जब यह पूछा गया कि क्या बांग्लादेश टीम की तरह अंपायरों ने भी अपमानजनक काम किया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह अंपायरों के अनादर करने के बारे में नहीं है. वे जांच कर सकते थे. दुर्भाग्य से यह बांग्लादेश के खिलाफ हुआ. मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य टीम ऐसा करेगी. यह उपकरण था, हेलमेट टूट गया था और यह एक सुरक्षा मुद्दा भी था क्योंकि हम जानते हैं कि हेलमेट के बिना, मैं एक गेंदबाज का सामना नहीं कर सकता. यह किसी के अपमान करने से जुड़ा नहीं था.''

उन्होंने कहा, ‘‘हां, शाकिब के पास विकल्प था. वह जानता था कि मैं समय बर्बाद नहीं कर रहा था या मैं समय के भीतर वहां था. उसके पास विकल्प था, लेकिन उसने दूसरे रास्ते पर जाने का फैसला किया और मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि यदि यह कोई अन्य टीम होती तो वे ऐसा नहीं करते.''

मैथ्यूज से जब यह पूछा गया कि चौथे अंपायर का कहना है कि किसी भी सामान की जिम्मेदारी बल्लेबाज की स्वयं की होती है तो उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी लोगों ने सुना, हां, मुझे लगता है यह काफी हास्यास्पद है. हां, यह हमारी जिम्मेदारी है. अगर मैं किसी तेज गेंदबाज के सामने बिना हेलमेट के बल्लेबाजी करने जाता हूं तो जाहिर तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है. लेकिन अगर कुछ खराब हो रहा है, कोई सामान टूट रहा है, क्या आप सचमुच सोचते हैं कि मुझे पता होगा कि यह टूटने वाला है? उन्होंने जो कहा है उसके पीछे का तर्क मुझे समझ नहीं आ रहा है.''