कनाडा मत आना, नौकरी नहीं है...NRI ने बताई विदेश की हकीकत, आपको मायूस कर देगी

विदेश जाने का ख्वाब, डॉलर की चमक और बेहतर जिंदगी की उम्मीद...लेकिन जब हकीकत सामने आई, तो शाश्वत ने दिल की सुनी और भारत लौट आए. उनकी कहानी आज हजारों युवाओं की आवाज बन रही है.

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वहां नौकरी नहीं है! सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस NRI की आपबीती, खोल दी कनाडा की पोल

Canada PR job reality: कनाडा से लौटे भारतीय प्रोफेशनल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शाश्वत इन दिनों चर्चा में हैं. डेढ़ साल पहले भारत लौटने के बाद भी उनसे एक ही सवाल पूछा जाता है, 'वापस क्यों आए?' इसी सवाल का जवाब उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दिया, जिसने लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. शाश्वत के मुताबिक, बिना पर्मानेंट रेजीडेंसी (PR) के कनाडा में कॉर्पोरेट नौकरी मिलना लगभग नामुमकिन है.

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PR नहीं तो नौकरी नहीं (No PR, No Corporate Job)

शाश्वत बताते हैं कि कनाडा में जॉब मार्केट की तस्वीर बाहर से जितनी हसीन दिखती है, अंदर से उतनी ही सख्त है. उन्होंने उसी कंपनी में इंटरव्यू दिया, जहां वे भारत में काम कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ PR न होने की वजह से रिजेक्शन मिला. उनके शब्दों में, 'सिलेक्शन के चांस एक-दो फीसदी ही रह जाते हैं.' यही वजह थी कि वे जिस काम के लिए विदेश गए थे, वह वहां मिल ही नहीं पाया.

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अपनों से दूर जाकर समझ आई परिवार की अहमियत (Realizing the Value of Family Abroad)

शाश्वत मानते हैं कि अकेले रहने की आजादी शुरू में अच्छी लगती है, लेकिन कुछ ही महीनों में तन्हाई भारी पड़ने लगती है. उन्होंने कहा, 'भारत में बहस होती है, तकरार होती है, लेकिन वही जिंदगी सबसे बेहतर है.' अपनों की मोहब्बत, मां-बाप की दुआ और परिवार का साथ...यही असली दौलत है.

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भारत में दिखे असली मौके (Better Opportunities in India)

आज जब अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश वीजा नियम सख्त कर रहे हैं, भारत में खासकर Tech सेक्टर में तरक्की के नए रास्ते खुल रहे हैं. शाश्वत का कहना है कि पिछले डेढ़ साल में उन्होंने भारत में वो सब हासिल किया, जिसका प्लान उन्होंने बनाया था. 2025 में कनाडा ने स्टडी परमिट पर कैप लगा दी है और वीजा नियम और कड़े हो गए हैं. ऐसे में शाश्वत की कहानी उन हजारों भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए आईना है, जो विदेश को ही सफलता की गारंटी मानते हैं. शाश्वत के लिए भारत लौटना सिर्फ एक फैसला नहीं, बल्कि सुकून, तरक्की और अपनेपन की वापसी है. कभी-कभी दूर जाकर ही समझ आता है कि असली जन्नत कहां है.

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