Toxic Work Culture India: कभी-कभी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ऐसी होती है, जो सिर्फ वायरल नहीं होती, बल्कि लोगों की छिपी हुई तकलीफों को बाहर निकाल देती है. कुछ ऐसा ही किया जर्मनी में बसे एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर कौस्तव बनर्जी (Kaustav Banerjee) ने, जिसने Instagram पर अपना दिल खोलकर रख दिया. उनकी पोस्ट पढ़ते ही हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स ने जैसे एक ही सांस में कहा, 'भाई, ये तो हमारे साथ भी हुआ है.'
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इंडिया की नौकरी और 'नो लाइफ' वाला कल्चर (leave approval struggle India)
कौस्तव बनर्जी ने लिखा कि जब उन्होंने 2013 में करियर शुरू किया था, तब work-life balance जैसी कोई चीज उनकी डिक्शनरी में नहीं थी. उनके मुताबिक भारत में '200% काम देना ही नॉर्मल है. पीछे रह गए तो करियर रुक जाएगा.' उन्होंने साफ कहा कि, 'न आपकी सेहत की परवाह, न फैमिली की...बस काम, काम और काम.'
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सबसे तगड़ा पंच उन्होंने छुट्टियों पर मारा (Kaustav Banerjee viral post)
उन्होंने कहा, 'India में Paid Leave सिर्फ दिखावे की होती है. छुट्टी मांगना मैनेजर से उसकी किडनी मांगने जैसा लगता है.' साथ में वीकेंड वर्क, न मिलने वाले 'कंप-ऑफ' और रोज की डेडलाइन की दौड़...यह सब भारत के लाखों कर्मचारियों की रोजमर्रा की कहानी है.
जर्मनी पहुंचते ही 'कल्चर शॉक' (Germany work culture)
पोस्ट में कौस्तव बनर्जी बताते हैं कि जर्मनी जाकर उनकी जिंदगी ही बदल गई. उन्होंने लिखा, 'यहां वर्क कल्चर इतना बैलेंस्ड है कि समझ नहीं आता कि रोऊं या खुशी मनाऊं.' वे कहते हैं कि वहां कर्मचारी की जिंदगी, समय और मानसिक स्वास्थ्य को असली सम्मान मिलता है. उन्होंने फॉलोअर्स से वादा किया कि जल्द ही जर्मनी के पॉजिटिव वर्क कल्चर पर एक डिटेल वीडियो भी डालेंगे.
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कमेंट्स में फूटा लोगों का दर्द, मीम्स की बाढ़ (chutti issue India)
पोस्ट पर 1 लाख से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं और भारतीय यूजर्स ने खुलकर अपना दर्द बताया. एक यूजर ने लिखा, 'इंडियन ऑफिसों में टॉक्सिसिटी ही टॉक्सिसिटी है.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'लीव अप्लाई करना तो लाइफ का सबसे स्ट्रेसफुल काम है.' एक ने मजाक में लिखा, 'मैंने इतने दादा-दादी 'स्वर्ग भेज' दिए हैं कि लीव लेने के लिए कि गिनती भूल गया.' यह कमेंट पढ़कर हजारों लोग हंस पड़े, क्योंकि बात मजाक की थी, पर सच कड़वा था.
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