Indian Boss vs Japanese Boss: कभी-कभी इंटरनेट पर एक स्क्रीनशॉट भी इतनी बातें कह जाता है, जितना बड़े-बड़े भाषण नहीं कह पाते. ऐसा ही हुआ एक वायरल पोस्ट के साथ, जहां एक कर्मचारी ने दो बिल्कुल अलग बॉस के लीव मैसेज शेयर किए...एक भारतीय और एक जापानी. दोनों ने छुट्टी मंजूर की, पर अंदाज इतना अलग था कि सोशल मीडिया पर बवाल मच गया.
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जापानी बॉस का मैसेज..सीधी बात, लेकिन दिल को छूने वाला (work culture India Japan)
- यूजर ने बताया कि उसे थोड़ा पर्सनल काम था और वह घर जाना चाहता था. उसने दोनों मैनेजर्स को मैसेज किया और जवाब आते ही उसे फर्क जैसे 'जूम इन' होकर दिख गया.
- जापानी मैनेजर ने लिखा, 'Good day! Take care. Please be safe on your way home.'बस... इतना ही. छोटा, सिंपल, लेकिन उतना ही गर्मजोशी वाला.
Difference between a Japanese Manager and an Indian Manager
byu/itidao inIndianWorkplace
भारतीय बॉस का जवाब, लीव मंजूर…पर साथ में एक 'दबाव' (leave approval viral post)
- दूसरी ओर भारतीय मैनेजर का रिप्लाई आया, 'Approved. Please stay online on Teams and respond to emails.'
- लीव तो मिल गई, लेकिन पढ़ते ही यूजर को जैसा अहसास हुआ, 'ठीक है जा तो रहे हो, पर काम मत भूलना.' सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे पढ़ते ही कहा, 'यही है Indian work culture का असली trailer.'
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कमेंट सेक्शन में अनुभवों की बरसात (office culture Hindi news)
जैसे ही पोस्ट वायरल हुई, लोग अपने-अपने बॉस और दफ्तर के अनुभव लेकर पहुंच गए. एक ने लिखा, 'जापानी क्लाइंट सच में बहुत विनम्र होते हैं.' दूसरे ने कहा, 'भारत में 'work first' attitude इतना गहरा है कि 'take care' कहना भी luxury लग जाता है.' लोगों ने बताया कि लीव मंजूर करने में सबसे ज्यादा फर्क टोन का होता है. एक छोटा सा 'Hope everything's okay' भी कर्मचारी को इंसान समझे जाने का एहसास दिलाता है.
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क्या भारतीय वर्क कल्चर में यह Missing Heartline है? (Indian work culture)
- पोस्ट ने एक बड़ा सवाल उठाया...
- क्या हमारे दफ्तरों में मानवीय touch की कमी है?
- क्या हम काम करते-करते इंसान को भूल जाते हैं?
- बहुतों ने कहा 'छोटे-छोटे शब्द ही असली कंपनी culture बनाते हैं'.
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