मां की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर पर लड़की ने ठोका था मुकदमा, अब हर्जाने में मिलेगी लाखों की रकम

लड़की ने डॉक्टर (Doctor) पर मुकदमा करते हुए कहा था कि उन्हें किसी भी हाल में उसका जन्म नहीं होने देना था. लड़की का कहना है कि अगर उनकी मां के डॉक्टर चाहते तो उसे इस दुनिया में आने से रोक सकते थे.

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सोशल मीडिया पर ये मामला काफी वायरल हो रहा है.
नई दिल्ली:

अक्सर जब भी कोई महिला मां बनती है, तो डॉक्टर को ढेर सारी दुआएं मिलती है. लेकिन ब्रिटेन (Britain) से हाल ही में एक बड़ा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 20 वर्षीय दिव्यांग लड़की ने अपनी मां के डॉक्टर (Mother Doctor) पर मुकदमा कर लाखों का हर्जाना जीता है. लड़की ने डॉक्टर पर मुकदमा करते हुए कहा था कि उन्हें किसी भी हाल में उसका जन्म नहीं होने देना था. लड़की का कहना है कि अगर उनकी मां के डॉक्टर चाहते तो उसे इस दुनिया में आने से रोक सकते थे.

अब ये मामला सोशल मीडिया की दुनिया में भी खूब छाया हुआ है. असल में ज्यादातर लोग यही पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो लड़की ने डॉक्टर पर मुकदमा ठोक दिया. साल 2001 में ब्रिटिश (British) युवती एवी टूम्ब्स (Evie Toombes) का जन्म लिपोमाइलोमेनिंगोसेले के साथ हुआ. यह एक तरह की विकलांगता है जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में स्पाइना बिफिडा (spina bifida) के नाम से भी जाना जाता है. इसी बीमारी की वजह से एवी टूम्ब्स ने डॉक्टर पर मुकदमा करते हुए हर्जाना मांगा था.

एवी ने बड़ी होने के बाद मिशेल (Dr Philip Mitchell) पर मां को दवा के संबंध में सही सलाह देने में नाकाम रहने के लिए मुकदमा दायर किया है. एवी का कहना है कि डॉक्टर के सही सलाह नहीं देने की वजह से वह विकलांग पैदा हुई. अगर डॉक्टर मिशेल ने उसकी मां को गर्भावस्था के दौरान सही दवा सलाह दी होती तो वह आज सामान्य लोगों की तरह जिंदगी जी रही होती. लेकिन उसकी इस खराब हालत के लिए डॉक्टर जिम्मेदार है.

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इसलिए एवी ने डॉक्टर से हर्जाने के तौर पर लाखों पाउंड मांगे. एवी की मां अब 50 वर्ष की हो चुकी हैं, उन्होंने 30 वर्ष की उम्र में डॉक्टर मिशेल से अपनी डिलीवरी कराई थी. तब डॉ मिशेल ने एवी की मां को फोलिक एसिड लेने की सलाह दी, लेकिन स्पाइना बिफिडा की रोकथाम में इसके महत्व के बारे में ज्यादा नहीं बताया. कैरोलिन ने कहा कि डॉक्टर ने उनसे कहा कि अगर वह अच्छी डाइट ले रही है, तो उसे फोलिक एसिड की जरूरत नहीं पड़ेगी.

इस मामले में न्यायाधीश रोजालिंड कोए क्यूसी ने एवी के मामले का समर्थन किया और लंदन उच्च न्यायालय में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. जिसमें माना गया कि अगर उसकी मां को ठीक से सलाह दी जाती, तो वह गर्भावस्था देरी से धारण करती. " बाद में गर्भधारण करने पर महिला एक सामान्य बच्चे को जन्म देती," इसलिए न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए डॉक्टर को हर्जाना भरने का आदेश दिया है.

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