अनाथालय से स्पेनिश कपल ने लिया था गोद, अब 20 साल बाद भारत में मां को ढूंढने आई लड़की, जानें मिली या नहीं?

आज से 15 साल पहले जो मां अपनी बेटी के अनाथालय छोड़ गई थी, वही बेटी आज 15 साल बाद अपनी मां को ढूंढने भारत आई है.

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मां को ढूंढने 15 साल बाद भारत लौटी बेटी, पूरी कहानी छू लेगी दिल

आज से 20 साल पहले एक स्पेनिश कपल भारत आया था और एक अनाथालय से एक बच्ची को उसके छोटे भाई के साथ गोद लेकर चला गया था. इस बच्ची को इसकी मां इसके एक छोटे भाई के साथ एक अनाथालय में छोड़कर चली गई थी. अब यह बच्ची 21 साल की होकर भारत लौटी है और इसने अपनी बायोलॉजिकल मां को ढूंढने की तैयारी कर ली है. यह कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रही है, लेकिन यह हकीकत है. बता दें, साल 2010 में स्पेनिश कपल जेमा विदल और जुआन जोश ने इन दोनों बच्चों को गोद ले अपने साथ ले गए थे. आइए पढ़ते ही पूरी कहानी.

स्पेन से भारत मां को ढंढने आई लड़की

बनालता दास ने साल 2005 में भुवनेश्वर (ओडिशा) के एक अनाथालय में अपने बच्चों को मजबूरन छोड़ दिया था. इस महिला की बेटी अब स्नेहा एनरिक्यू विदाल के नाम से जानी जाती हैं और बच्चों की शिक्षा के विषय की रिसर्चर है. ऐसे में स्नेहा ने भारत आकर अपनी मां को ढूंढना शुरू किया, जबकि उसके पास उसकी मां की ज्यादा जानकारी नहीं थी. एक इंटरव्यू में स्नेहा ने अपने बायोलॉजिकल पेरेंट्स को ढूंढने की इच्छा पर बात की. स्नेहा ने कहा, 'स्पेन से ओडिशा तक मुझे मेरे पेरेंट्स से मिलने की चाह लेकर आई है, खासकर मेरी मां, मैं उनसे मिलना चाहती हूं, और मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं कि मेरी मां जिस हालात में होंगी मैं उनके साथ रहूंगी'.

नहीं मिली मां तो वापस चली जाएगी
बता दें, स्नेहा ने अपने स्पेनिश पैरेंट्स का दिल से आभार व्यक्त किया है और साथ ही कहा है कि उन्होंने उनकी उस हर चीज का ख्याल रखा है, जिसका वह जिंदगीभर कर्ज नहीं उतार सकती हैं. स्नेहा ने बताया कि उन्होंने मुझसे और मेरे भाई से निस्वार्थ प्यार किया और हमारा बेहतर ढंग से पालन-पोषण किया है, हमें अच्छी शिक्षा दी और शानदार लाइफ स्टाइल भी दिया'. बता दें, स्नेहा और जेमा बीती 19 दिसंबर को भारत आए और जब से वह होटल में ठहरे हुए हैं. वहीं, स्नेहा का भाई स्पेन में ही है. अगर सोमवार तक स्नेहा को उनकी मां नहीं मिली तो वह वापस स्पेन चली जाएंगी.

कैसे मिला स्नेहा की मां का पता ?
स्नेहा को गोद लेने वाली मां जेमा ने कहा, 'हमें स्पेन लौटना होगा, क्योंकि स्नेहा वहां अपना ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने वाली हैं, अगर इन 24 घंटे के अंदर हमें स्नेहा की असली मां नहीं मिली तो हम फिर हम मार्च में दोबारा भुवनेश्वर आएंगे'. वहीं, स्नेहा की मां को ढूंढने में मदद करने वाली रमा देवी महिला यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड टीचर सुधा मिश्रा ने स्नेहा के बायोलॉजिकल पेरेंट्स का नाम बताया था. वहीं, स्थानीय प्रशासन की मदद से स्नेहा और जेमा को उनका पता मिल गया.

कहां मिले स्नेहा के बायोलॉजिकल पेरेंट्स ?
इंस्पेक्टर अंजली छोत्रे ने बताया है, 'स्नेहा और जेमा को दास और उनके पति संतोष का पता मिला, जिन्होंने अपने छह लोगों के परिवार को छोड़ दिया था, हमें स्नेहा की मां बनालता दास और पिता संतोष कटक जिले के बदंबा नरसिंहपुर से मिले हैं और हमनें इसके लिए पुलिस और गांव के पंचायत विभाग से संपर्क किया है.

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