आज जब लोग महंगे हीटर, एसी और स्मार्ट घरों पर निर्भर हो चुके हैं, तब ईरान का एक गांव ऐसा है जो 700 साल पुरानी तकनीक से आज भी आरामदायक जीवन जी रहा है. यह जगह है कंदोवान गांव, जहां लोग ज्वालामुखी की चट्टानों को काटकर बने घरों में रहते हैं. कंदोवान गांव के ये घर न तो ईंट से बने हैं और न ही सीमेंट से. इन्हें सीधे ज्वालामुखी की चट्टानों को काटकर तैयार किया गया है. ये घर शंकु के आकार के हैं और देखने में किसी परी-कथा की दुनिया जैसे लगते हैं.
700 साल से यहां रह रहे हैं लोग
इन पत्थर के घरों में लोग पिछले 700 सालों से लगातार रह रहे हैं. समय के साथ यह गांव एक जीवित संग्रहालय बन गया है, जहां इतिहास और वर्तमान साथ-साथ चलते हैं. आज भी कई परिवार इन घरों में रहते हैं और आधुनिक सुविधाओं के साथ जीवन जी रहे हैं. इन घरों की सबसे खास बात है इनका प्राकृतिक तापमान नियंत्रण. मोटी चट्टानी दीवारें सर्दियों में अंदर गर्मी बनाए रखती हैं और गर्मियों में ठंडक देती हैं. यही वजह है कि यहां रहने वालों को ज्यादा आधुनिक उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ती.
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कई मंज़िलें और खिड़कियां भी
इन पत्थर के घरों में कई मंज़िलें बनी हुई हैं. चट्टानों को काटकर खिड़कियां और कमरे बनाए गए हैं, जो हवा और रोशनी के लिए पर्याप्त हैं. यह उस दौर की इंजीनियरिंग समझ को दर्शाता है. उद्योगपति हर्ष गोयनका ने इस गांव की तस्वीरें और जानकारी साझा की, जिसके बाद लोग इसे देखकर हैरान रह गए. कई लोगों ने इसे असली टिकाऊ जीवनशैली बताया, तो कुछ ने कहा कि इंसान ने तकनीक से पहले प्रकृति के साथ जीना सीख लिया था.
आधुनिक दुनिया के लिए सबक
कंदोवान गांव यह साबित करता है कि प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर बनाए गए घर सदियों तक टिक सकते हैं. यह जगह आज की पीढ़ी को यह सिखाती है कि असली नवाचार वही है जो समय की कसौटी पर खरा उतरे.
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