अमेरिका: कंटेनर शिप की टक्कर से क्यों ढह गया बाल्टीमोर ब्रिज? इसे ठीक करने में कितना आएगा खर्चा?

Baltimore Bridge Collapse: जब कंटेनर शिप पोर्ट से निकला, तभी उसका कंट्रोल छूट गया. इसका मतलब था कि शिप पर क्रू का कोई कंट्रोल नहीं रह गया था. न तो क्रू इस शिप की दिशा बदल सकते थे और न ही इसकी स्पीड को कम कर सकते थे.

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बाल्टीमोर जैसे ब्रिज को संघीय सरकार ने 'फ्रैक्चर क्रिटिकल' के रूप में क्लासीफाइड किया है.
नई दिल्ली/वॉशिंगटन:

अमेरिका के मैरीलैंड राज्य के बाल्टीमोर (Baltimore Bridge Collapse) शहर में सोमवार (25 मार्च) देर रात एक कंटेनर शिप 'फ्रांसिस स्कॉट की' ब्रिज (Francis Scott Key Bridge) से टकरा गया. हादसा इतना जबरदस्त था कि पूरा ब्रिज टूटकर पेटाप्स्को नदी में समा गया. इसकी वजह से कई गाड़ियां ठंडे पानी में गिर गए. कंटेनर शिप (Container Ship) पर सिंगापुर का झंडा लगा हुआ था. ये कंसाइनमेंट लेकर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रही थी. तभी ये हादसा हुआ. शिप के सभी 22 क्रू मेंबर भारतीय थे. ये सभी सुरक्षित हैं.

न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के समय ब्रिज पर मेंटेनेंस का काम चल रहा था. ब्रिज के ढहने से 6 श्रमिकों की मौत हो गई. बुधवार को नदी से 2 लोगों की लाश बरामद हुई. इनमें से एक की शिनाख्त बाल्टीमोर के 35 वर्षीय एलेजांद्रो हर्नांडेज़ फ़्यूएंटेस के तौर पर हुई. ये मूल रूप से मेक्सिको के रहने वाले थे. जबकि दूसरे शव की पहचान डंडालक के 26 वर्षीय डोरलियन रोनियल कैस्टिलो कैबरेरा के तौर पर हुई है. कैबरेरा मूल रूप से ग्वाटेमाला के रहने वाले थे. ब्रिज की मरम्मत के लिए ज्यादातर श्रमिक मेक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास और अल साल्वाडोर से आए थे.

आइए समझते हैं कंटेनर शिप की टक्कर से क्यों ढह गया बाल्टीमोर ब्रिज और इसे ठीक करने में कितना खर्चा आएगा:-

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ब्रिज पर क्या कर रहे थे श्रमिक?
हादसे के समय कुछ श्रमिक ब्रिज पर बने गड्ढों को ठीक कर रहे थे. कंटेनर शिप की टक्कर से 8 लोग 185 फीट (56 मीटर) गहरे नदी में गिर गए. यहां पानी का तापमान 47 डिग्री फ़ॉरेनहाइट (8 डिग्री सेल्सियस) था. हादसे में 2 श्रमिकों को बचा लिया गया. हालांकि, शिप ने टक्कर से कुछ मिनट पहले SOS कॉल किया था. इससे ब्रिज पर ट्रैफिक को तुरंत रोक दिया गया. वरना ज्यादा लोगों की जान जा सकती थी.

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क्यों हुआ हादसा?
एक अनक्लासीफाइड अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब कंटेनर शिप पोर्ट से निकला, तभी उसका कंट्रोल छूट गया. इसका मतलब था कि शिप पर क्रू का कोई कंट्रोल नहीं रह गया था. न तो क्रू इस शिप की दिशा बदल सकते थे और न ही इसकी स्पीड को कम कर सकते थे. ये शिप बेतरतीब तरीके से आगे बढ़ती जा रही थी. तभी अचानक शिप पर अलार्म बजने लगे. पावर सप्लाई ठप हो गई. सभी लाइटें बंद हो गईं. शिप 'फ्रांसिस स्कॉट की' ब्रिज के खंभे की तरफ बढ़ने लगा.

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हादसा रोकने के लिए क्रू टीम ने क्या-क्या किया?
बड़े हादसे के डर से शिप के क्रू टीम ने अगले 5 मिनट वो तमाम कोशिशें की, जिससे शिप को ब्रिज के खंभे से टकराने से बचाया जा सके. पायलट ने कैप्टन से शिप का इंजन फिर शुरू करने को कहा. इस दौरान क्रू को कमांड दिया गया कि वो शिप को बाईं तरफ मोड़ने की कोशिश करें. कोई विकल्प नजर न आने पर पायलट ने क्रू से एंकर नीचे डालने को कहा, जिससे शिप की स्पीड कम हो सके. साथ ही मैरीलैंड की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को SOS अलर्ट भेजा गया. 

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इसी बीच शिप में इमरजेंसी जनरेटर स्टार्ट हो गया. इसके बाद कुछ समय के लिए लाइट ऑन हो गई और रडार-स्टीयरिंग सिस्टम बहाल हो गया. हालांकि, इसके बावजूद कोई मदद नहीं मिली. शिप लगातार ब्रिज के खंभे की तरफ बढ़ रही थी.

SOS अलर्ट से क्या हुआ?
शिप ने SOS अलर्ट भेजा था. उससे एक तरफ ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने 90 सेकेंड के अंदर पुल के दोनों तरफ ट्रैफिक को रुकवा दिया. दूसरी तरफ, 95 हजार टन के वजन के साथ शिप ब्रिज से टकरा गया.

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शिप की टक्कर के बाद क्या हुआ?
शिप की टक्कर होते ही बाल्टीमोर ब्रिज का एक हिस्सा मुड़कर शिप के ऊपर आ गिरा. इसके बाद ब्रिज का कुछ और हिस्सा टूटकर नदी में गिर गया. इस दौरान ब्रिज पर 8 कर्मचारी मरम्मत का काम कर रहे थे. ब्रिज के साथ ये सभी लोग पेटाप्सको नदी में गिर गए. इनमें से 2 को मंगलवार को रेस्क्यू कर लिया गया था, जबकि 6 लापता थे. मैरीलैंड स्टेट पुलिस ने बताया कि बाकी 4 लोगों को मृत घोषित कर सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है. सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात हुआ ये हादसा 2007 के बाद से अमेरिका में सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है.

क्यों गिर गया ब्रिज?
बाल्टीमोर जैसे ब्रिज को संघीय सरकार ने 'फ्रैक्चर क्रिटिकल' के रूप में क्लासीफाइड किया है. इसका अर्थ है कि अगर ब्रिज का एक हिस्सा ढह जाता है, तो बाकी स्ट्रक्चर भी गिर जाएगा. फेडरल हाईवे एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अमेरिका में ऐसे 16,800 से ज्यादा स्पैन हैं.

नेशनल ट्रांसपोर्ट सिक्योरिटी बोर्ड के चीफ ने कहा कि ब्रिज में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग का अभाव है, जो नए स्पैन में आम बात है. जिससे इस तरह के ब्रिज के ढहने के चांसेस बढ़ जाते हैं.

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कब ओपन हुआ था ये ब्रिज?
बाल्टीमोर के फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज को 1977 में खोला गया था. इसका नाम अमेरिका के लिए राष्ट्रगान लिखने वाले फ्रांसिस स्कॉट की के नाम पर रखा गया था. 3 साल पहले फ्लोरिडा के टाम्पा खाड़ी में सनशाइन स्काईवे ब्रिज से एक शिप की टक्कर में 35 लोग मारे गए थे. 

नुकसान की भरपाई कौन करेगा और इसकी लागत कितनी होगी?
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जल्द ही बाल्टीमोर का दौरा करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि संघीय सरकार ब्रिज की मरम्मत का पेमेंट करें. ब्रिज के मलबे को साफ करने और इसकी रिपेयरिंग के लिए कम से कम 2 बिलियन डॉलर की लागत आ सकती है. फंड रिलीज करने के लिए अमेरिकी संसद की मंजूरी की जरूरत होगी.

ब्रिज की रिपेयरिंग में कितना समय लगेगा?
ब्रिज के रिपेयरिंग की प्रक्रिया लंबी चल सकती है. यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि ब्रिज के बचे हुए हिस्सों का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं. मूल ब्रिज के निर्माण 1972-1977 तक चला यानी इसके बनने में पूरे पांच साल लगे.

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