भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से धरती की वापसी में काफी देरी हो रही है. ये दोनों लंबे समय से वापसी का इंतजार कर रहे हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे 60 दिनों से अधिक का समय हो चुका है. इस मिशन के तहत दोनों को 8 दिनों के लिए आईएसएस में रहना था. लेकिन थ्रस्टर की खराबी सामने आने के कारण इनकी वापसी में देरी हो रही है.
क्या है नासा का प्लान
नासा अधिकारियों ने बुधवार को कहा था कि नासा को अगस्त के अंत तक यह निर्णय लेना है कि क्या दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को बोइंग के स्टारलाइनर से पृथ्वी पर वापस लाया जाए, जो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले गया था या उन्हें स्पेसएक्स यान से घर लाया जाए.
नासा के अधिकारियों ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे अभी भी थ्रस्टर डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन स्टारलाइनर या बोइंग के प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स का उपयोग करने के बारे में निर्णय अभी भी लंबित है. नासा के अंतरिक्ष संचालन मिशन निदेशालय के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर केन बोवर्साक्स ने कहा, "हम उस बिंदु पर पहुंच रहे हैं जहां अगस्त के आखिरी सप्ताह में हमें वास्तव में निर्णय लेना है."
फरवरी 2025 में होगी वापसी
यदि स्टारलाइनर का उपयोग न करने का निर्णय लिया जाता है, तो एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स, 24 सितंबर को आईएसएस के लिए अपने निर्धारित क्रू-9 मिशन को सामान्य चार के बजाय केवल दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च कर सकती है. ऐसे में क्रू ड्रैगन कैप्सूल फरवरी 2025 में विल्मोर और विलियम्स के साथ पृथ्वी पर वापस आ सकेगा. ऐसे होने से बोइंग को काफी बड़ा झटका लग सकता है.
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