Israel-Hamas war: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने राष्ट्रपति पद की संभावित सबसे जोखिम भरी यात्रा पर मध्य पूर्व के लिए रवाना हो रहे हैं. इस यात्रा का लक्ष्य हमास के खिलाफ इजरायल का समर्थन करना, गाजा में तबाही को टालना और युद्ध को रोकना है. अमेरिकी राष्ट्रपति बुधवार को प्रमुख सहयोगी देश इजरायल में वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उच्च-स्तरीय बातचीत के लिए युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरेंगे. इसके बाद वे क्षेत्रीय नेताओं के साथ फोर-वे समिट के लिए जॉर्डन जाएंगे.
यह 80 वर्षीय बाइडेन का यह राजनयिक अभियान राजनीतिक और सुरक्षा दोनों दृष्टि से उनके लंबे करियर का सबसे बड़ा जुआ होगा. यह टिंडरबॉक्स रीजन में अमेरिका के प्रभाव का परीक्षण भी होगा.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने मैराथन राजनयिक अभियान के दौरान जो बाइडेन की यात्रा का ऐलान किया. उन्होंने कहा, "वे इज़राइल, इस क्षेत्र और दुनिया के लिए एक अहम क्षणों में यहां आ रहे हैं."
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बाइडेन की यात्रा को "जोखिम से भरी यात्रा" कहा है.
रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन के समर्थक पश्चिमी देशों के साथ अमेरिकी समर्थन जाहिर करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन ने पिछले साल युद्धग्रस्त यूक्रेन की एक टॉप सीक्रेट यात्रा की थी.
गाजा और इजरायल के बीच लगातार हवाई हमले के अलर्ट के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इज़रायल में जो बाइडेन के लिए सुरक्षा का खतरा कम है. हालांकि इस यात्रा को लेकर राजनीतिक दांव यकीनन कहीं अधिक बड़े हैं.
ब्लिंकन ने कहा कि फिलिस्तीनी आतंकवादी गुट हमास सात अक्टूबर को भारी किलेबंदी वाली गाजा सीमा से घुसा. उसने 1400 से अधिक लोगों, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, की गोलीबारी करके, चाकुओं से हत्याएं की और कई को जलाकर मार डाला. इसके बाद राष्ट्रपति इजरायल के लिए अपना मजबूत समर्थन दिखाना चाहते थे.
हमास के पक्ष में ईरान या उसके लेबनानी सहयोगी हिजबुल्लाह के इसमें शामिल होने की आशंकाओं के बीच अमेरिका की ओर से इजरायल के साथ एकजुटता जाहिर करना खास तौर पर अहम है. वाशिंगटन ने उन्हें रोकने के लिए इस क्षेत्र में दो विमानवाहक पोत भेजे हैं.
हालांकि, डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति ने दक्षिणपंथी नेतन्याहू के दौरे के निमंत्रण को स्वीकार करने से पहले सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श किया. नेतन्याहू ने गाजा में हमास के खिलाफ खूनी जमीनी हमले के लिए तैयारी का आदेश दिया है.
जोखिम यह है कि जो बाइडेन खुद को गाजा पर इजरायली हमले के साथ बहुत करीब से जुड़ा हुआ पाते हैं. गाजा पहले से ही हवाई हमलों का सामना कर रहा है. इन हमलों से गाजा के कई हिस्से नेस्तनाबूत हो गए हैं और 2700 से अधिक लोग मारे गए हैं.
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