- ट्रंप के बेटों ने क्रिप्टो कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाकर अपनी संपत्ति को दोगुना कर दिया है
- ट्रंप परिवार की कमाई क्रिप्टो डील्स, लाइसेंसिंग, रॉयल्टी और रियल एस्टेट से मुख्य रूप से हो रही है
- डोनाल्ड ट्रंप ने पहले क्रिप्टो को स्कैम बताया था, लेकिन बाद में अपने चुनावी समर्थन के लिए रुख बदल लिया
डोनाल्ड ट्रंप दुनियाभर के बाजारों को काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं. टैरिफ को लेकर उनकी मनमानी से कई देश परेशान हैं और खुद अमेरिका को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है. अब भले ही ट्रंप दुनिया की इकनॉमी को भारी नुकसान पहुंचा रहे हों, लेकिन उनका खुद का परिवार खूब फल-फूल रहा है. पिछले कुछ सालों में ट्रंप के परिवार की कमाई कई गुना बढ़ गई है और उनके बेटे मालामाल हो रहे हैं. फोर्ब्स ने बताया है कि एरिक ट्रंप बिलिनेयर्स की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं. आइए जानते हैं कि किस चीज से ट्रंप के बेटों की कमाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
क्रिप्टो कंपनी ने बना दिया मालामाल
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई ऐसे काम किए हैं, जिन्हें उनकी सनक कहा जा सकता है. दुनिया के बाकी देशों के लिए उनका रुख कुछ अच्छा नहीं रहा है, भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ने की बात हो या फिर ईरान जैसे देशों को लेकर उनका रुख... ट्रंप के हर फैसले पर सवाल उठे. हालांकि ट्रंप अब अपने ही बेटों को लेकर विवादों में हैं. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के बेटों ने अपनी क्रिप्टो कंपनी को स्टॉक एक्सजेंच में लिस्ट करवाया, जिसके बाद इसके भाव 7.59 डॉलर से सीथे 14 डॉलर पर पहुंच गया. यानी एक ही झटके में शेयर डबल हो गए. इस क्रिप्टो फर्म में ट्रम्प परिवार की हिस्सेदारी करीब 5 अरब डॉलर (3.7 अरब पाउंड) हो गई है.
एरिक ट्रंप और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने मिलकर अपनी बिटकॉइन कॉर्प नाम की कंपनी शुरू की. अब ट्रंप पर उनके विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि वो अपने परिवार के बिजनेस को बढ़ाने के लिए तमाम फैसले ले रहे हैं. ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान क्रिप्टो पर सख्त कानून की बात कही थी, लेकिन अब उनके बेटे ही खुद बिटकॉइन कंपनी चलाकर करोड़ों डॉलर कमा रहे हैं. हाल ही में क्रिप्टो के समर्थन में एक कानून भी पारित हुआ है.
क्रिप्टो पर कैसे पलट गए ट्रंप?
अब सबसे पहले ये जान लेते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टो को लेकर पहले क्या सोच थी और अचानक उन्होंने कैसे पलटी मार दी. ट्रंप ने कुछ साल पहले क्रिप्टो को एक स्कैम बताया था और इसका पूरा विरोध किया था. इसके बाद चुनाव में उन्हें क्रिप्टो सेक्टर से जमकर समर्थन मिला तो उनकी सोच बदलने लगी. वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल जैसे फर्मों के साथ ट्रंप ने रिश्ते बनाए और फिर उनका परिवार भी इस बिजनेस में आ गया.
जुलाई 2025 में अमेरिका ने अपना पहला राष्ट्रीय क्रिप्टो कानून पारित किया, जिसे जीनियस एक्ट के नाम से जाना जाता है. इस कानून से क्रिप्टो बिजनेस को एक नई दिशा दी जा रही है और इसे आगे बढ़ाने का काम हो रहा है. इसमें बताया गया है कि क्रिप्टो बिजनेस को इस उम्मीद से बढ़ावा दिया जा रहा है कि इससे डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल ज्यादा होगा और इसे मेनस्ट्रीम में लाने का काम होगा. हालांकि ट्रंप पर फिलहाल परिवार की संपत्ति को बढ़ाने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है.