Nancy Pelosi Taiwan Visit : अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा (Nancy Pelosi inTaiwan) के मुद्दे पर बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनाव और बढ़ गया है. नैंसी पेलोसी को लेकर यूएस एयरफोर्स का विमान ताइवान पहुंच गया है. पेलोसी की ताइवान यात्रा ने बीजिंग (चीन) को नाराज कर दिया है जो कि ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. वह अमेरिकी नेता की ताइवान यात्रा को अपनी संप्रभुता पर हमले की तरह देख रहा है. चीन ने चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की तो अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. चीन ने अमेरिका से ताइवान कार्ड खेलना बंद करने को कहा है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ऐसा भड़काऊ कदम उठा रहा जिससे ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Straits) में तनाव बढ़ सकता है. उसे इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. अमेरिका को इसकी जिम्मेदारी उठानी होगी और चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को कम करके आंकने की कीमत चुकानी होगी."
खबरों के मुताबिक, मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से अमेरिकी एयरफोर्स के विमान के जरिये नैंसी पेलोसी ताइवान रवाना हुई थीं. चीन की चेतावनी और टैंक-निगरानी विमानों को अलर्ट करने के बीच अमेरिका ने ताइवान के पास अपने चार युद्धपोत भी तैनात किए हैं. उधर चीन ने ताइवान के पास अपनी समुद्री सीमा के निकट सैन्य अभ्यास भी किया था लेकिन ताकत दिखाने की ये कवायद के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर की यात्रा नहीं रुकी. एयरपोर्ट पर पेलोसी का स्वागत करने के लिए ताइवान के सैकड़ों नागरिक भी मौजूद हैं.
ताइवान में चीन से अलग लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू है. SPAR19 फ्लाइट ने कुआलालम्पुर के सुबांग एयरपोर्ट से शाम करीब 3.40 बजे उड़ान भरी थी और पूर्व में बोर्नियो आइलैंड की ओर उड़ी. यह बोर्नियो आइलैंड से होते हुए इंडोनिशयाई सिटी मनाडो के पास से गुजरी फिर उत्तर में फिलीपींस की ओर मुड़ गई.
चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर कूटनीतिक विरोध जताया है. उसने कहा है कि ये एक चीन नीति के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है. उसने अमेरिकी सरकार पर चीन को काबू करने की कोशिश में ताइवान कार्ड खेलना बंद करने को भी कहा. पेलोसी मंगलवार रात को ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंचीं, जो अमेरिका और ताइवान के बीच कूटनीतिक संबंधों के 25 वर्षों में अब तक के सबसे शीर्ष यूएस अधिकारी की यात्रा है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ताइवान का मुद्दा चीन का पूरी तरह से आंतरिक मामला है और कोई भी देश इस मामले में जज बनने की कोशिश न करे. दरअसल, चीन मानता है कि ताइवान उसका ही एक हिस्सा और वो इसे बागी प्रांत मानते हुए बलपूर्वक भी इसे चीन में मिलाने की धमकी भी देता रहा है.
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