अमेरिका ने सीरिया में ईरान के दो सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना

जॉन किर्बी ने कहा, "यह इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से अलग है और इजरायल-हमास संघर्ष के लिए हमारे दृष्टिकोण में बदलाव नहीं है."

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अमेरिकी सेना पर पिछले सप्ताह इराक और सीरिया में एक दर्जन से अधिक बार हमला किया गया है. (फाइल)
वाशिंगटन:

इजरायल और हमास जंग (Israel Hamas War) के बीच अमेरिका की सेना ने पूर्वी सीरिया में दो ठिकानों पर हमला किया है. अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इन ठिकानों का इस्‍तेमाल ईरान (Iran) के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (Islamic Revolutionary Guard Corps) और उससे संबद्ध समूहों द्वारा किया जा रहा था. उन्होंने एक बयान में कहा, "आत्मरक्षा वाले यह हमले 17 अक्टूबर को शुरू ईरानी समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा इराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ चल रहे और ज्यादातर असफल हमलों की एक श्रृंखला की प्रतिक्रिया है."

ऑस्टिन ने कहा कि हमलों के दौरान एक अमेरिकी कांट्रेक्‍टर की मौत हो गई थी और 21 अमेरिकी सैन्यकर्मियों को मामूली चोट आईं थी, हालांकि सभी ड्यूटी पर लौट आए हैं.

अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि इस कार्रवाई से पता चलता है कि राष्ट्रपति बाइडेन के पास अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है. ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका "ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी, अपने कर्मियों और अपने हितों की रक्षा करेगा." 

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उन्होंने कहा, "अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता है और आगे की शत्रुता में शामिल होने का उसका युद्ध का कोई इरादा या इच्छा नहीं है, लेकिन अमेरिकी सेना के खिलाफ ये ईरानी समर्थित हमले अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए. इनमें ईरान अपना हाथ छिपाना और हमारी सेनाओं के खिलाफ हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है. हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे. अगर अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ ईरान के द्वारा हमले जारी रहे, तो हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए और आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे."

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व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, "एक सीधा संदेश जारी किया गया है." उन्होंने कहा, "यह इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से अलग है और इजरायल-हमास संघर्ष के लिए हमारे दृष्टिकोण में बदलाव नहीं है."

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अमेरिका और सहयोगी बलों पर 16 बार हमले 

इससे पहले, जॉन किर्बी ने कहा था कि अमेरिका अपनी पसंद के समय पर और अपने तरीके से हमलों का जवाब देगा.  उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी रक्षा विभाग के यह कहने के बाद आई थी कि इराक और सीरिया में अमेरिकी और सहयोगी बलों पर इस महीने ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा कम से कम 16 बार हमला किया गया है. 

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खामेनेई को जो बाइडेन ने दी थी चेतावनी 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के खिलाफ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी थी. बाइडेन ने कहा, "अयातुल्ला को मेरी चेतावनी थी कि अगर वे उन सैनिकों के खिलाफ आगे बढ़ना जारी रखेंगे तो हम जवाब देंगे और उन्हें तैयार रहना चाहिए." साथ ही उन्होंने कहा कि इसका इजरायल से कोई लेना-देना नहीं है.  

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