अमेरिका ने पहली बार यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइल सीधे तौर पर देने की मंज़ूरी दी है. शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी पैकेज में यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइल की डायरेक्ट डिलीवरी की जा रही है. वॉशिंगटन टाइम्स के अनुसार अभी यह सुनिश्चित नहीं है कि इन FIM-92 Stinger मिसाइलों की डिलीवरी कब की जाएगी. अमेरिका फिलहाल इस बारे में विचार कर रहा है कि इन मिसाइलों को कैसे डिलीवर किया जाए. अमेरिका एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर यह जानकारी दी. द टाइम्स ऑफ इज़रायल के अनुसार फैसला जर्मनी की तरफ से यूक्रेन को 500 स्ट्रिंगर मिसाइल और दूसरे हथियार देने की घोषणा के बाद आया है.
यूक्रेन और रूस के बीच धमकियां परमाणु युद्ध तक पहुंच गई हैं. यूक्रेन के संकट के बीच अमेरिका ने नौसेना ने विवादित ताइवान की खाड़ी में अपना जहाज़ भेजा है. पुतिन ने अपनी परमाणु सेना को हाई अलर्ट पर रखा है. ऐसे में स्टिंगर मिसाइल यूक्रेनी सेना के लिए युद्ध में बड़ा सहारा बन सकती हैं. दावा किया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना ने रूस के कुछ विमान स्टिंगर मिसाइल का प्रयोग कर गिराए हैं.
स्टिंगर मिसाइल का बहुत सटीक निशाना होता है. इन्हें आम तौर पर हेलीकॉप्टर और दूसरे एयरक्राफ्ट को नीचे गिराने के लिए प्रयोग किया जाता है. यूक्रेन के अधिकारी रूसी सेना का सामना करने के लिए और शक्तिशाली हथियारों की मांग कर रहे थे.
एस्टोनिया (Estonia)भी यूक्रेन को जनवरी से स्टिंगर मिसाइल दे रहा है. इसके लिए उसे अमेरिका की मंजूरी भी लेनी पड़ी.
अफ़गानिस्तान युद्ध में पलट दिया था पासा
मिलिट्री हिस्ट्री वेबसाइट के मुताबिक स्टिंगर मिसाइल को कंधे पर रख कर दागा जा जा सकता है. अमेरिका में इसे डेवलप किया गया था. स्टिंगर मिसाइल सिस्टम का सैन्य प्रयोग 1981 से शुरू हुआ और आज 29 से ज्यादा देशों में उपयोग किया जा रहा है. इसे EADS लाइसेंस के तहत जर्मनी और तुर्की में भी बनाया जाता है.
इसके एडवांस्ड वर्जन में इंफ्रारेड और अल्ट्रावायलेट विजन होता है. इनसे रात के अंधेरे में भी हमला किया जा सकता है.
स्टिंगर मिसाइल से मिसाइल सुपरसोनिक गति से टारगेट पर हमला किया जा सकता है. स्टिंगर मिसाइल को रूस और यूक्रेन के युद्ध से पहले अफगानिस्तान युद्ध , इराक युद्ध , सीरिया युद्ध, में भी प्रयोग किया गया.
कहा जाता है कि जब सोवियत सेना के खिलाफ अफगानिस्तान में अमेरिका की तरफ से स्टिंगर मिसाइल का प्रयोग किया गया तो आसमान से सोवियत और अफगान हवाईजहाज ऐसे गिरने लगे जैसे पहले कभी नहीं देखा गया.