- यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक संप्रभु देश के रूप में मान्यता दी है.
- ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर ने कहा कि उनका निर्णय फिलिस्तीन और इजरायल के बीच शांति की उम्मीद बढ़ाने का प्रयास है.
- ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन की वैधता और लंबे समय से चली आ रही राज्य की आकांक्षाओं को मान्यता देने की बात कही है.
अमेरिका और इजरायल के विरोध के बाद भी यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने फिलिस्तीन को एक देश की मान्यता दे दी है. जहां ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने यह फैसला पहले ले लिया था तो रविवार को यूके इस कड़ी में नया नाम बना है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस बात की पुष्टि रविवार को कि उनका देश औपचारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक देश की मान्यता दे रहा है. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा के बाद अब यूके के इस ऐलान को कॉमनवेल्थ देशों की तरफ से किया गया एक समन्वित पहल माना जा रहा है.
स्टारमर बोले, हमास को रिवॉर्ड न समझें
स्टारमर को अपने इस फैसले के लिए काफी विरोध झेलना पड़ रहा है. इजरायल के अलावा उनकी अपनी लेबर पार्टी इस फैसले के खिलाफ नजर आ रही है. दूसरी ओर स्टारमर ने अपने इस फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि उनका मकसद अपने फैसले से फिलिस्तीन और इजरायल के नागरिकों के लिए उम्मीद की कोशिशों को बहाल करना है. स्टारमर ने यह भी साफ किया है उनके फैसले को हमास को दिया गया अवॉर्ड हरगिज न समझा जाए. ब्रिटिश पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि फिलिस्तीनी जनता के भविष्य के शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी.
स्टारमर की तरफ से घोषणा का काफी लंबे समय से इंतजार हो रहा था. इस साल जुलाई में स्टारमर ने कहा था कि ब्रिटेन फिलिस्तीनी को मान्यता देगा, अगर इजरायल, गाजा में युद्धविराम पर सहमत नहीं हुआ या फिर उसने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को मदद लाने की मंजूरी नहीं दी और अगर शांति की स्थापना के लिए कोई कदम नहीं उठाए तो.
कनाडा को भी शांति की उम्मीद
फिलिस्तीनी को मान्यता देने वाला ब्रिटेन अकेला देश नहीं है. 140 से ज्यादा देश पहले ही यह कदम उठा चुके हैं और इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फ्रांस समेत और भी देशों के ऐसा करने की उम्मीद है. कनाडा ने भी रविवार को अमेरिका के विरोध के बावजूद फिलिस्तीनी को देश की मान्यता दे दी है. कनाडा ने भी यूके की तरह उम्मीद जताई है कि इससे इजरायल के साथ शांति का रास्ता खुलेगा. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घोषणा की कि कनाडा ने एक फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी है. कार्नी ने जुलाई के अंत में ही कहा था कि वह ऐसा करेंगे क्योंकि कई पश्चिमी देश गाजा में बढ़ते युद्ध से निराश हैं.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने क्या कहा
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज रविवार को अपनी टीम के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए हैं. इससे पहले उन्होंने फिलिस्तीन को एक संप्रभु देश के तौर पर मान्यता दे दी. अगस्त में ही अल्बानीज ने इसका ऐलान किया था. पीएम अल्बानीज और उनके विदेश मंत्री पेनी वोंग की तरफ एक ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट जारी किया गया. दोनों ने ही कहा, 'ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन के लोगों की अपने राज्य की वैध और लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को मान्यता देता है. आज की मान्यता का यह कदम टू-स्टेट्स के लिए ऑस्ट्रेलिया की कई सालों से चली आ रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो हमेशा से इजरायल और फिलिस्तीन के लोगों के लिए स्थायी शांति और सुरक्षा का अकेला रास्ता रहा है.
इजरायल का गुस्सा भड़का
इजरायल ने इस कदम की तीखी आलोचना की है और देश के कुछ मंत्रियों ने इसे अप्रासंगिक बताते हुए खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि इससे जमीनी हकीकत नहीं बदल सकती है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का विरोध करने की कसम खाई है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा कदम इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा होगा. नेतन्याहू ने अपने मंत्रिमंडल से कहा, 'हमें यूएन और बाकी सभी क्षेत्रों में, हमारे खिलाफ़ किए जा रहे झूठे प्रचार और फिलिस्तीन देश की मांग के खिलाफ भी लड़ना होगा जो हमारे अस्तित्व को खतरे में डाल देगा और आतंकवाद के लिए बेतुका इनाम साबित होगा.'