Turkey Earthquakes: भूकंप के बाद पश्चिम की ओर 5-6 मीटर खिसक गया तुर्की- एक्सपर्ट का दावा

इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्की, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो. हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है. आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी.

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भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया की मदद के लिए भारत समेत 70 देश आगे आए हैं.
अंकारा:

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद दोनों देशों के हालात खराब हो गए हैं. अब तक 11, 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच एक्सपर्टस ने बड़ा दावा किया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोमवार को तुर्की में आए शक्तिशाली भूकंप ने टैक्टोनिक प्लेट्स को 10 फीट (5-6 मीटर) तक खिसक गईं. इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्की, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 10 फीट) और अंदर धस गया हो. उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है. आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी.

भूकंप का एपिसेंटर तुर्की था. 3 टैक्टोनिक प्लेट्स एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट के बीच बसा हुआ है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं. इसके चलते तुर्की अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है. 

तुर्की कई प्रमुख फॉल्टलाइन पर स्थित है, जो एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है, जिस वजह से यहां भूकंप आने का जोखिम अधिक रहता है. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि भूकंप से एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेट के बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है.  

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इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने स्थानीय न्यूज चैनल Italy 24 के साथ तेज भूकंपों के बारे में बात करते हुए कहा, 'भूकंप के कारण एक प्रकार का फॉल्ट हुआ. जिसे भूकंपविज्ञानी 'शैलो ट्रांसकरेंट' कहते हैं. उन्होंने कहा, "दूसरे शब्दों में अनुमानों में तुर्की वास्तव में सीरिया की तुलना में पांच से छह मीटर तक फिसल गया है." इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स एंड ज्वालामुखी (आईएनजीवी) के अध्यक्ष ने कहा कि यह सब प्रारंभिक आंकड़ों पर आधारित है. 

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प्रोफेसर डोग्लियोनी ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बदलाव के बारे में बात करते हुए कहा, "बड़े पैमाने पर कटाव में 190 किलोमीटर लंबा और 25 चौड़ा क्षेत्र शामिल था. ये भयानक तरीके से जमीन को हिला रहा था और एक क्रम बना रहा था, जो दो सबसे तीव्र चोटियों तक पहुंच गया." 

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प्रोफेसर डोग्लियोनी इटली के एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में भी तुर्की में आए भूकंप की भीषणता के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'दो फ्लैप एक दूसरे के सापेक्ष चले गए. सीधे शब्दों में कहे तो तुर्की दक्षिण पश्चिम की ओर अरब प्लेट के सापेक्ष चला गया था. हम अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र के बारे में बात कर रहे हैं, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है. यहा पिछली शताब्दियों में अत्यधिक खतरनाक भूकंप आए हैं."

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एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार से लेकर अब तक तुर्की में 500 बार से ज्यादा बार धरती कांप चुकी है. इस बीच राष्ट्रपति अर्दोगन ने देश के 10 प्रांतों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है. स्कूलों को 13 फरवरी के लिए बंद कर दिया गया है. भारत समेत दुनिया के 70 देश तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आए हैं. भारत तुर्की में 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचा रहा है.

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