पूरी दुनिया में दर्ज किए गए टोंगा (Tonga) के बड़े ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption) के लगभग एक हफ्ते बाद इस हादसे को बयां करने वालों तक पहुंचा जा पा रहा है. दक्षिणी प्रशांत महासागर में इस स्थित इस देश में काम करने वाले रेड क्रॉस (Red Cross) के एक अधिकारी ने कहना है कि टोंगा का ज्वालामुखी विस्फोट किसी परमाणु बम (atomic bomb) के फटने की तरह था जिसने पूरी द्वीप को हिला दिया. ज्वालामुखी फटने और उसके बाद आई सुनामी से मची तबाही के बाद इस पैसिफिक देश में पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है.
टोंगा के हुंगा टोंगा हुंगा हापेई ज्वालामुखी के पानी की सतह के नीचे फटने के बाद टोंगा में भारी सुनामी आई थी. इसके बाद टोंगा बाकी दुनिया से लगभग कट गया था. इस त्रासदी को अपनी आंखों से देखने वालों की कहनियां अब जाकर सामने आ रही हैं.
टोंगा के मुख्य द्वीप टोंगाटापू पर टोंगा रेड क्रॉस के सेक्रेट्री जनरल सिओन ताउमोएफोलाउ कहते हैं, " हमें एक बड़े धमाके का अहसास हुआ....यह किसी एटम बम के फटने जैसा था."
UN के आपात मामलों के कॉर्डिनेटर जोनाथन विच ने फिजी से AFP को बताया कि टोंगा में अब सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है. कई हजार लोगों की पीने के पानी की सप्लाई राख या समुद्री पानी से खराब हो गई है.
उन्होंने कहा, "ज्वालामुखी फटने से पहले टोंगा में अधिकतर लोग बारिश के पानी पर निर्भर थे. अगर यह पूरा अब राख से ज़हरीला हो गया है तो उन्हें बहुत दिक्कत होगी, अगर उनके पास ज़मीन से पीने का पानी निकालने की सुविधा नहीं है तो."
'तीन तरफ से मार'
टोंगा में मुख्य रनवे पर से राख हटाने के बाद सहायता कार्य गुरुवार से जारी हैं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से सहायता लेकर सेना के विमान पहुंच सके हैं.
ज्वालामुखी फटने के बाद टोंगा में समुद्र के नीचे की कम्युनिकेशन केबल कट गई थी जिसके बाद टोंगा बाहरी दुनिया से लगभग कट गया है. इस केबल को ठीक होने में कई हफ्ते लग सकते हैं.
जोनाथन विच कहते हैं, "यह एक तरह से तीन तरफ से मार पड़ने की तरह है."
टोंगा में न्यूजीलैंड का जहाज़ साफ पानी की सप्लाई लेकर (HMNZS Aotearoa) शुक्रवार को पहुंचा. इस जहाज़ में हर दिन 70- 75,000 लीटर समुद्री पानी को हर दिन साफ करने की भी क्षमता है जिससे टोंगा निवासियों को कुछ राहत मिलेगी.