World Red Cross Day 2020: दुनिया भर में 8 मई को रेड क्रॉस डे (Red Cross Day) मनाया जाता है. रेड क्रॉस एक ऐसी संस्था है जो बिना किसी भेदभाव के युद्ध, महामारी और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में लोगों की रक्षा करती है. विपरीत परस्थितियों में लोगों के जीवन को बचाना ही इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है. रेड क्रॉस के जनक जॉन हेनरी ड्यूनैंट का जन्म 8 मई, 1828 को हुआ था. उनके जन्मदिन को ही विश्व रेड क्रॉस दिवस (World Red Cross Day) के तौर पर मनाया जाता है. आपको बता दें कि समाज की भलाई के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए उन्हें 1901 में पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.
रेड क्रॉस का इतिहास
इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) की स्थापना 1863 में हुई थी. इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा में स्थित है. दरअसल, प्रथम विश्व युद्ध के बाद फैली त्रासदी और सैनिकों की लाशों के साथ किए गए अमानवीय बर्तावों को देखते हुए एक ऐसी संस्था की जरूरत महसूस की गई जो ऐसी स्थिति में बिना भेदभाव के काम कर सके.
स्विटजरलैंड के व्यवसायी जॉन हेनरी ड्यूनैंट ने 1859 में इटली में युद्ध के दौरान रक्तपात का भयानक दृश्य देखा था. एक ही दिन में हजारों सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए. वहां कोई मेडिकल टीम नहीं थी. यह जानकर ड्यूनैंट काफी दुखी हो गए. उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर घायल सैनिकों की मददी की और उनका उपचार किया. यही नहीं उन्होंने घायल सैनिकों के परिवार के लोगों को चिट्ठी भी लिखी.
इस घटना का जिक्र ड्यूनैंट ने अपनी एक किताब में किया था. किताब के अंत में उन्होंने एक ऐसी सोसायटी बनाने की पैरवी की थी जो विषम परिस्थितियों में लोगों की मदद कर सके. उनके सुझाव पर जेनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने 1863 में एक कमेटी का गठन किया. कमेटी की ओर से 1863 में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में 16 राष्ट्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसी सम्मेलन में कई उपयुक्त प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया. सम्मेलन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि रेड क्रॉस आंदोलन का विकास करने के लिए तथा आहत सैनिकों और युद्ध के अन्य पीड़ितों की सहायता संगठित करन के लिए सभी देशों में राष्ट्रीय समितियां बनाई जाएं. इन समितियों को नेशनल रेड क्रॉस सोसायटीज कहा जाता है.
भारत में रेड क्रॉस सोसायटी
भारत में साल 1920 में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी का गठन हुआ था.
रेड क्रॉस का उद्देश्य
- सभी देशों में रेड क्रॉस आंदोलन को फैलाना.
- रेड क्रॉस के आधारभूत सिद्धांतों के संरक्षक के रूप में कार्य करना.
- नई रेड क्रॉस समितियों के संविधान से वर्तमान समितियों को सूचित करना.
- सभी सभ्य राज्यों को जेनेवा अधिवेशन स्वीकार करने के लिए राजी करना अधिवेशन के निर्णयों का पालन करना.
- इसकी होने वाली अवहेलनाओं की भर्त्सना करना.
- कानून बनाने के लिए सरकारों पर दबाव डालना तथा ऐसी अवहेलनाओं को रोकने के लिए सेना को आदेश देना.
- युद्ध काल में बंदियों की सहायता तथा अन्य पीड़ितों की सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी का निर्माण करना.
- बंदी शिविर की देख-रेख, युद्धबंदियों को संतोष और आराम पहुंचाना और सभी प्राप्य प्रभावों के प्रयोग से उनकी स्थिति सुधारने का प्रयत्न करना.
- शांति तथा युद्ध के समय में भी सरकारों, राष्ट्रों तथा उपराष्ट्रों के बीच शुभ चिंतक मध्यस्थ के रूप में कार्य करना.
- युद्ध बीमारी अथवा आपत्ति से होने वाले कष्टों से मुक्ति का मानवोचित कार्य स्वयं करना अथवा दूसरों को ऐसा करने के लिए सहायता देना.
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