मिडिल ईस्ट देश सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद अराजकता का माहौल है. राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग चुके हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को मॉस्को में पनाह दी है. सीरिया पर कब्जे के बाद विद्रोही लड़ाके राष्ट्रपति भवन में घुस आए थे. लोगों ने जमकर लूटपाट मचाई. कीमती सामान उठा-उठाकर अपने घर लेकर गए. इस दौरान बशीर अल असद की अकूत संपत्ति और खजाने का भी पता चला. 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक, बशीर अल असद के पास 200 किलो सोना, लग्जरी कारों का कलेक्शन, हथियारों का जखीरा, लग्जरी सामान और अनगिनत डॉलर-यूरो मिले हैं.
दावा किया जा रहा है कि बशर अल असद के पास जितना खजाना है, वह सीरिया के सालाना बजट से भी कहीं ज्यादा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो यह भी दावें किए जा रहे हैं कि जब सीरिया की जनता भूख से मर रही थी, तब वहां का राष्ट्रपति असद अपना खजाना भर रहा था. सीरिया से जाते वक्त असद अपने साथ कितना पैसा और सोना लेकर गए हैं, इसका कोई ऑफिशियल डेटा अब तक नहीं आया है. इस बीच असद के पैलेस के वीडियो और फोटोज वायरल हो रहे हैं, जिसमें उनका लग्जरी कार कलेक्शन और खजाना दिखाया गया है.
आइए जानते हैं बशीर अल असद के पर्सनल पैलेस और राष्ट्रपति भवन से क्या-क्या निकला:-
असद के पास कितनी संपत्ति?
सऊदी अखबार एलाव में ब्रिटिश खुफिया सेवा MI6 के हवाले ये बताया गया है कि साल 2023 तक असद परिवार की कुल संपत्ति 200 टन सोना, लग्जरी कारों का जखीरा, 16 बिलियन डॉलर और 5 बिलियन यूरो है. असद के परिवार ने ये संपत्ति नशीली दवाओं, तस्करी, हथियारों के व्यापार, मादक पदार्थों की तस्करी और जबरन वसूली रैकेट जैसे कई कामों से इकट्ठा किया है.
पैलेस में मिला गोल्ड फीफा अवॉर्ड
असद के देश छोड़ने के बाद विद्रोही लड़ाकों ने उसके पैलेस 'कसर अल शाब' या 'पीपुल्स पैलेस' पर धावा बोला था. वहां सोने और हीरे की कई संपत्तियां मिली हैं. असद के खजाने में एक ब्रिटेन की दिवंगत क्वीन एलिजाबेथ-2 के साथ एक फोटो भी है. इस फोटो पर एलिजाबेथ के साइन हैं. लड़ाकों को पैलेस से एक गोल्ड फीफा अवॉर्ड भी मिला है. 2005 में यह अवॉर्ड सीरिया की नेशनल टीम को 'फीफा वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप नीदरलैंड्स' में हिस्सा लेने के लिए दिया गया था.
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क्लासिक और मॉर्डन पेंटिंग से भरा था एक कमरा
असद के पैलेस का एक कमरा सिर्फ क्लासिक और मॉर्डन पेंटिंग से भरा हुआ था. इस कमरे में आर्ट पीसेस, कीमती और नक्काशीदार बर्तन और फ्लावर वास के कलेक्शन थे.
प्लेट और अलमारियों के ड्रॉअर में सोने का काम
ऐसा लगता है कि असद को सोने से खास प्रेम था. उनके पैलेस में ऐसी तमाम होम डेकॉर की चीजें मिली हैं, जो सोने से बनी हैं या फिर इनमें सोने का काम हुआ है. असद की खाने की प्लेटें सोने की हैं. वो सोने के गिलास में पानी पीते थे. उनकी अलमारियों के ड्रॉअर तक सोने की बनी हैं. सामान रखने के बॉक्स भी सोने या अल्ट्रा लग्जिरियस मटेलियल की हैं.
असद का कार कलेक्शन देखिए
बशीर अल-असद के कार कलेक्शन में ऑडी और फेरारी, रोल्स रॉयस फैंटम, एस्टन मार्टिन DB7, फरारी F40, फरारी F430, मर्सिडीज बेंज SLS AMG, ऑडी आर 8 शामिल हैं. साथ ही दर्जनभर से ज्यादा मर्सिडीज बेंज कूप और कई बीएमडब्ल्यू हैं. असद के पास फेरारी F 40 भी है, जिसकी कीमत 3 मिलियन डॉलर से ज्यादा है.
असद ने कैसे बनाई इतनी संपत्ति?
इजरायली वेबसाइट वायनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, असद की इतनी अकूत संपत्ति के पीछे कैप्टागन नाम के ड्रग का भी हाथ बताया जाता है. कैप्टागन अरब देशों में काफी लोकप्रिय है. इसे गरीब का कोकीन कहा जाता है. सीरिया से सबसे ज्यादा इस ड्रग का निर्यात किया जाता है. असद सरकार कैप्टागन से हर साल 5 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई कर रही थी. असद के भाई इस कारोबार को देखते थे. इससे हुई कमाई में सीरियाई सेना और असद परिवार के साथ-साथ ईरान और हिजबुल्लाह का भी हिस्सा होता था. रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टागन की एक गोली से असद परिवार ने सिर्फ एक साल में करीब 4 लाख 81 हजार 199 करोड़ रुपये की कमाई की है.
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सीरिया में कैसे हुआ तख्तापलट?
-सीरिया में 2011 से गृह युद्ध चल रहा है. असद के सत्ता संभालने के बाद विरोधियों की संख्या बढ़ती गई.
-27 नवंबर को सीरियाई सेना और विद्रोहियों के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई.
- 1 दिसंबर को विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम यानी HTS ने यहां के सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया.
- 5 दिसंबर को HTS ने सीरिया के हमा शहर को अपने कब्जे में लिया.
- 6 दिसंबर को दारा और 7 दिसंबर को होम्स शहर पर कब्जा हो गया.
-8 दिसंबर को विद्रोही गुट राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ने लगे. इसी दौरान असद ने अपने परिवार के साथ देश छोड़ दिया.
-इसी दिन विद्रोही राष्ट्रपति भवन और संसद भवन में घुस आए. जमकर लूटपाट की. वहां का सामान लूटकर अपने घर ले गए.
-सीरिया में विद्रोहियों ने सड़कों पर बंदूकें लेकर जश्न मनाया. विद्रोही महिलाओं ने भी सड़कों पर जश्न मनाया.
-तख्तापलट के बाद हजारों लोग देश छोड़कर भागते दिखे. गाड़ियों की लंबी कतारें देखी गईं.
-इस दौरान दमिश्क में ईरानी दूतावास पर भी विद्रोहियों ने हमले किए.
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