- सुशीला कार्की ने कहा था कि नेपाल का नेतृत्व युवा होना चाहिए और वे खुद भी नेतृत्व कर सकती हैं.
- उन्होंने दो दिन चले विरोध प्रदर्शन में छात्रों के हाथ में कोई हथियार नहीं होने का दावा किया.
- उन्होंने विरोध प्रदर्शन में करीब 20 निर्दोष युवाओं की मौतों पर गहरा दुख जताया और इस आंदोलन को समर्थन दिया.
सुशीला कार्की ने नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने से NDTV से खास बातचीत में साफ कहा था कि नेपाल की सत्ता संभालने वाला कोई युवा ही होगा. साथ ही उन्होने इस बात पर भी सहमति जताई थी कि वह भी सरकार को लीड करने वाला चेहरा हो सकती हैं. इसके साथ ही उन्होंने दो दिन तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन पर एनडीटीवी से खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था. छात्र शांतिपूर्ण ढंग से ही आंदोलन कर रहे हैं.
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छात्रों ने हिंसा नहीं की, मैं साबित कर सकती हूं
सुशीला कार्की ने कहा कि उन सभी ने शांति से विरोध प्रदर्शन किया. वह खुद इस बात को साबित कर सकती हैं कि किसी भी छात्र के हाथ में हथियार या लाठी-डंडे नहीं थे. उन्होंने कहा कि नेपाल के पास कोई युवा नेतृत्व नहीं है. नेतृत्व कर रहे लोग 40-50 की उम्र के पार हैं. उनको सत्ता छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं. उनके पास कोई विजन नहीं है. हो सकता है कि कि उनके पास सर्टिफिकेट हों लेकिन वह शिक्षित नहीं हैं.
उन्होंने हमारे बच्चों को मार िया, मैं सो नहीं सकी
उन्होंने साफ किया कि वह इस आंदोलन को सपोर्ट करती हैं.विरोध प्रदर्शन में हमारे निर्दोष बच्चों को मार दिया गया. उन्होंने कहा कि हमारे करीब 20 बच्चों को मार दिया. जो भी हुआ उसके बाद मैं पूरी रात सो नहीं सकी.
नेपाल में मार्च 2026 में होंगे आम चुनाव
बता दें कि सुशीला कार्की ने एनडीटीवी से ये बातचीत पीएम बनने से पहले की थी. शुक्रवार शाम को उन्होंने नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली. दरअसल युवाओं की मांग थी कि 6-8 महीने बाद आम चुनाव होने चाहिए. तो इस बात पर भी सहमति बन गई है कि मार्च 2026 में नेपाल में आम चुनाव होंगे और जनता अपने हिसाब से नेता चुनेगी. तब तक वह अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी संभालेंगी.