सुशीला कार्की ने कहा था कि नेपाल का नेतृत्व युवा होना चाहिए और वे खुद भी नेतृत्व कर सकती हैं. उन्होंने दो दिन चले विरोध प्रदर्शन में छात्रों के हाथ में कोई हथियार नहीं होने का दावा किया. उन्होंने विरोध प्रदर्शन में करीब 20 निर्दोष युवाओं की मौतों पर गहरा दुख जताया और इस आंदोलन को समर्थन दिया.