Srilanka Crisis: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे नहीं छोड़ेंगे पद, नए पीएम के नियुक्ति की इस सप्ताह होगी घोषणा

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ नयी सरकार के प्रधानमंत्री को नया कार्यक्रम पेश करने और देश को आगे ले जाने का मौका दिया जाएगा.’’

Advertisement
Read Time: 24 mins
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (फाइल फोटो)
कोलंबो:

संकट में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से बुधवार को इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वो इसी हफ्ते नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे, जो संवैधानिक सुधार पेश करेगा. देश में गंभीर आर्थिक संकट के चलते सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं. संकट के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंद राजपक्षे अपने करीबियों पर हमले के मद्देनजर एक नौसेना अड्डे पर सुरक्षा घेरे में हैं.

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में गोटबाया (72) ने यह भी कहा कि नए प्रधानमंत्री और सरकार को नियुक्त करने के बाद संविधान में 19वें संशोधन की सामग्री तैयार करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश किया जाएगा जो संसद को और शक्तियां प्रदान करेगा. 

राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा

गोटबाया ने कहा, ‘‘मैं युवा मंत्रिमंडल नियुक्त करूंगा, जिसमें राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा.'' उन्होंने देश को अराजक स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है. अपने संबोधन से कुछ मिनट पहले गोटबाया ने पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत की.

Advertisement

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ नयी सरकार के प्रधानमंत्री को नया कार्यक्रम पेश करने और देश को आगे ले जाने का मौका दिया जाएगा.'' राष्ट्रपति के बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद पिछले दो दिनों से देश में कोई सरकार नहीं है. उनके इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

Advertisement

नौ मई की घटना को राष्ट्रपति ने बताया गलत

संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति को बिना मंत्रिमंडल के ही देश को चलाने के लिए अधिकार प्राप्त हैं. इस सप्ताह के प्रारंभ में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए गोटबाया ने कहा कि नौ मई को जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने कहा, ‘‘हत्याओं, हमले, धौंसपट्टी, संपत्ति को नष्ट करना और उसके बाद के जघन्य कृत्यों को बिल्कुल ही सही नहीं ठहराया जा सकता.''

Advertisement

उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक को जांच करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका पुलिस और सैन्यबल को हिंसा फैलाने वालों के विरूद्ध कड़ाई से कानून लागू करने का आदेश दिया गया है. रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे पर ले जाया गया है, जहां वो सुरक्षा घेरे में हैं.
राजधानी में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैनिकों और सैन्य वाहनों को सड़कों पर तैनात कर दिया गया. कोलंबो और उपनगरों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना के विशेष बलों को भी तैनात किया गया है.

Advertisement

क्रूर सैन्य अभियान चलाया था

श्रीलंका अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है, इससे निपटने में सरकार की विफलता को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच महिंदा को सुरक्षा मुहैया करायी गई है. विपक्षी दल भी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) नेता महिंदा 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति थे और उस दौरान उन्होंने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ क्रूर सैन्य अभियान चलाया था.

यह भी पढ़ें -

केंद्र ने पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया

दो करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, उनकी पत्नी के पास है इतनी संपत्ति

Video: श्रीलंका में दिन पर दिन बिगड़ते हालात, सेना की तैनाती

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Hathras Stampede Case | 'बाबा का नाम लेने से भागते हैं भूत प्रेत': आश्रम के गार्ड ने बताई पूरी कहानी
Topics mentioned in this article