श्रीलंका (Sri Lanka) की राजधानी कोलंबो (Colombo) में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छह प्रदर्शनकारियों (Protesters) के विदेश यात्रा करने पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया. श्रीलंका के गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से निपटने के सरकार के तौर तरीकों को लेकर देश में भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. मजदूर संघ के एक नेता सहित छह एक्टिविस्ट्स पर मध्य जून में गैरकानूनी तरीके से एकत्र हुई एक भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है और गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. कुछ दिन पहले श्रीलंका की एक अदालत ने राजपक्षे परिवार के दो सदस्यों महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) और बेसिल राजपक्षे (Basil Rajapaksa) के देश छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
देश में अप्रैल की शुरूआत से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में ये छह लोग शामिल रहे हैं. इन प्रदर्शनों ने राजपक्षे परिवार को श्रीलंका की सत्ता से बाहर कर दिया.
इस बीच, पुलिस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन से वस्तुएं चुराने को लेकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शनकारी नौ जुलाई को राष्ट्रपति भवन में घुस गये थे. इसके बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
बंद विद्यालय फिर से खुले
संकट प्रभावित श्रीलंका में ईंधन की कमी के कारण गत चार जुलाई से बंद देशभर के स्कूल सोमवार को फिर से खुले. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार देश में सभी सरकारी और सरकार से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल फिर से खुल गए हैं. न्यूजफर्स्ट लंका ने ‘लंका निजी बस स्वमी संघ' के हवाले से बताया कि पूरे द्वीप में ईंधन की कमी के बावजूद सोमवार को स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त संख्या में बसें सेवा में लगाई गईं.
लंका निजी बस स्वामी संघ के अध्यक्ष जेमुनु विजेरत्ने ने कहा कि पिछले दो दिनों में कई जगहों से ईंधन प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय परिवहन आयोग के महानिदेशक नीलान मिरांडा ने कहा कि प्राप्त ईंधन की मात्रा के अनुसार छात्रों के लिए बसें सेवा में लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं.
ऑल सीलोन स्कूल चाइल्ड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मालश्री सिल्वा के अनुसार, श्रीलंका ट्रांसपोर्ट बोर्ड (एसएलटीबी) डिपो के माध्यम से पर्याप्त ईंधन प्राप्त होने के कारण स्कूली छात्रों के परिवहन के लिए अधिक वैन लगाई गई हैं.
सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) ने सोमवार को ऐलान किया कि 25 जुलाई को पूरे देश में 7,000 टन ईंधन वितरित किया जाएगा. 2.2 करोड़ लोगों का देश श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब अमेरिकी डॉलर है.