VIDEO : रूस के लड़ाकू विमानों ने US के MQ-9 ड्रोन को घेरा, फिर टक्कर मारने की कोशिश

सीरियाई क्षेत्र में रूसी लड़ाकू विमान ने खतरनाक तरीके से अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन के करीब उड़ान भरी. रूसी जेट ने एमक्यू-9 के ऊपर से फ्लेयर्स तैनात किए.

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दमिश्क:

अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) को लेकर हाल ही तनाव बढ़ गया है. इस बीच रूसी SU-35 लड़ाकू विमान के एक स्क्वाड्रन ने मंगलवार को अमेरिकी MQ-9 ड्रोन के ऊपर से खतरनाक उड़ान भरी. सीरिया के हवाई क्षेत्र में प्रोटोकॉल से हटकर, रूसी लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन के फ्लाइट रूट के नजदीक आ गया. रूसी लड़ाकू विमान ने अमेरिकी ड्रोन पर अपनी धधक (ज्वाला) भी बरसाई. साथ ही फ्लेयर्स तैनात किए. इससे खतरनाक स्थिति पैदा हो गई. अमेरिकी सेना की ओर से इसका एक वीडियो भी शेयर किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी ड्रोन से केवल कुछ मीटर की दूरी पर फ्लेयर्स तैनात किए. रूसी फ्लेयर्स में से एक ने अमेरिकी एमक्यू-9 पर हमला किया, जिससे उसका प्रोपेलर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, एमक्यू-9 चालक दल उड़ान बनाए रखने और ड्रोन को उसके घरेलू बेस पर सुरक्षित पहुंचाने में सफल रहा.

अमेरिकी सेना की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, अमेरिकी ड्रोन MQ-9 सीरिया में ISIS के मिशन को नाकाम करने की उड़ान पर था. तीन अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन आईएसआईएस को निशाना बनाने के मिशन पर थे, तभी तीन रूसी लड़ाकू विमानों ने अपनी आक्रामक कार्रवाई शुरू कर दी.

अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने कहा, "हवा में रूसियों का असुरक्षित और गैर-पेशेवर व्यवहार न केवल हमारे आईएसआईएस मिशन को कमजोर करता है, बल्कि इससे अनपेक्षित वृद्धि और गलत आकलन का भी खतरा बढ़ गया है."

इन घटनाओं पर चिंता और निराशा व्यक्त करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ग्रिनकेविच ने एक बयान जारी कर सीरिया में सक्रिय रूसी वायु सेना की गैर-पेशेवर और असुरक्षित कार्रवाइयों की निंदा की. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह का व्यवहार अमेरिकी और रूसी दोनों सेनाओं की सुरक्षा को खतरे में डालता है. रूसी सेनाओं से इस लापरवाह व्यवहार को तुरंत रोकने का आग्रह करते हुए, ग्रिनकेविच ने एक पेशेवर वायु सेना से अपेक्षित व्यवहार के मानकों का पालन करने की अपील की. 

हालांकि, सीरियाई हवाई क्षेत्र के भीतर घटनाओं के सटीक स्थान सहित ड्रोन ऑपरेशन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई. लेकिन साफ है कि इस घटना से अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ गया है.

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