- डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में व्हाइट हाउस में रूस-यूक्रेन पर बड़ी बैठक हुई जिसमें कई यूरोपीय नेता शामिल थे.
- रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की आमने-सामने की शांति बैठक के लिए तैयार, तारीख तय नहीं.
- ट्रंप ने बताया कि यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी दी जाएगी, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय देश सहभागी होंगे.
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में रूस-यूक्रेन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में महाबैठक खत्म हो गई है. यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की और तमाम बड़े यूरोपीय नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद सबकी नजर इस बात पर है कि अब आगे क्या होगा, क्या 3 साल से अधिक वक्त से चल रही यह जंग खत्म होने जा रही है. अभी की सबसे बड़ी खबर यह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की आमने-सामने की बैठक यानी एक शांति शिखर सम्मेलन के लिए तैयार दिख रहे हैं. वहीं ट्रंप यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देते भी नजर आ रहे हैं, लेकिन पुतिन इसपर कितना राजी होंगे, यह तो वक्त ही बताएगा. तो चलिए आपको यहां ट्रंप की इस महाबैठक का कुल जमा क्या रहा, यह बताते हैं.
नोट- जेलेंस्की के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब, नाटो प्रमुख मार्क रूटे और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सला वान डेर लिएन व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में मौजूद रहे.
क्या शांति नजदीक है?
शांति की उम्मीदें तब बढ़ीं जब ट्रंप ने बैठक के बाद कहा कि उन्होंने अपने रूसी समकक्ष पुतिन से फोन पर बात की है. ट्रंप ने पिछले सप्ताह ही अलास्का में पुतिन से मुलाकात की थी. ट्रंप ने जानकारी दी कि अब पुतिन और जेलेंस्की की आमने-सामने की बैठक होगी.
लगभग साढ़े तीन साल पहले रूस ने यूक्रेन क्रूर आक्रमण शुरू किया था. उसके बाद यह रूसी और यूक्रेनी राष्ट्रपतियों के बीच पहली बैठक होगी. यह बैठक ऐसे समय में होगी जब ट्रंप युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने के अपने वादे को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. 79 वर्षीय ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर लिखा कि "रूस/यूक्रेन के लिए शांति की संभावना से हर कोई बहुत खुश है."
वहीं जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने कहा कि पुतिन अगले दो सप्ताह के भीतर द्विपक्षीय बैठक (पुतिन और जेलेंस्की के बीच) के लिए सहमत हुए हैं लेकिन तारीख या स्थान की कोई पुष्टि नहीं हुई है. जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस के बाहर मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की कि वह पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए "तैयार" हैं.
व्लोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, "नहीं, हमारे पास (राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक की) कोई तारीख नहीं है... हमने पुष्टि की है कि हम एक त्रिपक्षीय बैठक के लिए तैयार हैं, और अगर रूस संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखता है, तो हम द्विपक्षीय बैठक का परिणाम देखेंगे. उसके बाद, हम त्रिपक्षीय बैठक कर सकते हैं. यूक्रेन शांति के रास्ते में कभी नहीं रुकेगा, और हम किसी भी तरह की बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन केवल नेताओं के स्तर पर."
वहीं मॉस्को में क्रेमलिन (रूसी सरकार) के एक सहयोगी ने कहा कि पुतिन यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत के "विचार" के लिए तैयार हैं.
“अमेरिका यूक्रेन को देगा सुरक्षा की गारंटी और पुतिन की रजामंदी”
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की थी, और कहा कि नाटो गठबंधन में शामिल होने के कीव के लंबे समय के सपने को बार-बार खारिज करने के बावजूद पुतिन इस सुरक्षा गारंटी की बात पर सहमत हुए हैं. ट्रंप ने कहा कि यह सुरक्षा गारंटी "संयुक्त राज्य अमेरिका के समन्वय (कॉर्डिनेशन) के साथ विभिन्न यूरोपीय देशों द्वारा दी जाएगी."
वहीं नाटो प्रमुख मार्क रूट ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि यह "बहुत सफल बैठक" थी और "राष्ट्रपति ने वास्तव में गतिरोध (डेडलॉक) तोड़ दिया है." उन्होंने कहा, "आज का दिन वास्तव में सुरक्षा गारंटी, अमेरिका के वहां और अधिक शामिल होने और आने वाले दिनों में सभी डिटेल्स को उजागर करने के बारे में था."
वहीं जेलेंस्की ने कहा कि सहयोगी दल 10 दिनों के भीतर यूक्रेन सुरक्षा गारंटी को औपचारिक रूप देंगे.
लेकिन यूरोप को पुतिन पर भरोसा नहीं
हालांकि, यूरोपीय नेताओं भी इस बैठक में शायद इसलिए उपस्थित थे क्योंकि यूरोप को डर है कि क्या ट्रंप पुतिन की ओर झुकेंगे जैसा कि उन्होंने कई मौकों पर किया है. ट्रंप ने बैठक से पहले यूक्रेन पर क्रीमिया छोड़ने और नाटो में शामिल होने के अपने सपने को छोड़ने के लिए दबाव डाला था- और यही पुतिन द्वारा की गई दोनों प्रमुख मांगें थीं.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सोमवार को फिर आह्वान किया कि अगर पुतिन यूक्रेन के साथ शांति पर आगे नहीं बढ़ते हैं तो रूस के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ा दिए जाने चाहिए. वहीं फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्स स्टब ने कहा कि पुतिन "भरोसेमंद" नहीं हैं.
इस बीच जर्मनी के मर्ज ने कहा कि बातचीत में यूक्रेन को अपने डोनबास क्षेत्र को रूस को सौंपने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. मर्ज ने मीडिया से कहा, "रूस की मांग है कि कीव डोनबास के मुक्त हिस्सों को छोड़ दे, इसे स्पष्ट रूप से कहें तो, यह ऐसा ही है कि आप संयुक्त राज्य अमेरिका से कहो कि वह फ्लोरिडा को छोड़ दे."