अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस (George Soros) ने चेतावनी दी है कि रूस का यूक्रेन पर आक्रमण (Russia-Ukraine War) शायद तीसरे विश्व -युद्ध (3rd World War) की शुरुआत हो सकता है और हो सकता है कि इस युद्ध को धरती पर सभ्य-जीवन झेल ना पाए. उन्होंने यह भी कहा कि चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) और रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) एक ऐसी साझेदारी में हैं जिसकी कोई सीमा नहीं है.
मंगलवार को दावोस (Davos) में दिए अपने वार्षिक भाषण में, जॉर्ज सोरोस ने कहा कि दुनिया को जल्द ही अपने सभी संसाधनों का प्रयोग कर इस युद्ध को खत्म करवाना होगा और इस सभ्यता को बचाने का सबसे बेहतर और शायद केवल एक ही तरीका है कि पुतिन को जल्द से जल्द हराया जाए.
उन्होंने कहा, "यह आक्रमण शायद तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकता है और हमारी सभ्यता शायद इसे झेल नहीं पाएगी."
उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण अचानक नहीं हुआ है और पुतिन ने चीन को इसके बारे में पहले ही सबकुछ ठीक से बता दिया था.
सोरोस ने यह भी कहा कि व्लादिमिर पुतिन और शी चिनफिंग 4 फरवरी को बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में मिले थे और उन्होंने एक लंबा वक्तव्य जारी किया था, जिसमें ये घोषणा की गई थी कि चीन और रूस की साझेदारी की "कोई सीमा नहीं" है.
पुतिन ने चीन को बताया था प्लान!
सोरोस ने कहा कि व्लादिमिर पुतिन ने शी चिनफिंग को यूक्रेन में एक विशेष सैन्य ऑपरेशन के बारे में बताया था लेकिन यह साफ नहीं है कि क्या उन्होंने शी को यह बताया था कि वो यूक्रेन पर पूरी क्षमता से आक्रमण का विचार कर रहे हैं.
सोरोस ने आगे कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के सैन्य विशेषज्ञों ने अपने चीनी समकक्षों को बताया था कि क्या होने वाला है. शी ने मंजूरी दी लेकिन विंटर ओलिंपिक पूरे होने तक इंतजार करने को कहा.
सोरोस ने अपने भाषण में आगे कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के बावजूद चीन शीत कालीन ओलिंपिक आयोजित करवाने पर अड़ा रहा. ऑर्गनाइज़र्स ने प्रतिभागियों के लिए कड़े नियम बनाए और ओलिंपिक बिना किसी गड़बड़ी के खत्म हुए.
सोरोस ने दावा किया कि शी चिनफिंग चीनी लोगों से यह राज छिपा रहे हैं कि उन्हें जो वैक्सीन दी गई वो केवल वुहान में मिले वायरस के प्रतिरक्षा प्रदान करती है और नए वेरिएंट्स के खिलाफ वो बेहद कम असरदार है.
सोरोस ने कहा, इस बीच व्लादिमिर पुतिन का कथित विशेष सैन्य अभियान वैसे नहीं रहा जैसी उन्होंने योजना बनाई थी. उन्होंने सोचा था कि रूसी भाषी लोग यूक्रेन में उनकी सेना का स्वागत करेंगे. उनकी सेना अपने साथ वो यूनीफॉर्म लेकर गई जो वो जीत की परेड में पहनते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पुतिन ने कहा कि अब लगता है कि पुतिन को अपनी गलती का अहसास हो गया है और वो युद्धविराम के नए आधार खोजने में लगे हैं. लेकिन युद्धविराम होना मुश्किल है क्योंकि पुतिन पर विश्वास नहीं किया जा सकता.
आगे सोरोस ने कहा कि पुतिन को शांति वार्ता शुरू करनी होगी जो वो कभी नहीं करेंगे क्योंकि यह इस्तीफा देने जैसा होगा.