विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के पीएम,17 मई को राष्ट्रपति गोटाबाया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता विक्रमसिंघे को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की केवल एक सीट है

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कोलंबो:

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता रानिल विक्रमसिंघे को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई. बताते चलें कि श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की केवल एक सीट है.गौरतलब है कि श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था.सूत्रों के अनुसार विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन प्राप्त है. उनकी नियुक्ति 6 महीने के लिए हुई है.

यूएनपी के अध्यक्ष वी अबेयवारदेना ने विश्वास जताया कि विक्रमसिंघे को नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाये जाने के बाद वह बहुमत हासिल कर लेंगे.देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गये थे.  बताते चलें कि उनके साथी रहे सजीत प्रेमदासा ने उनसे अलग होकर अलग दल एसजेबी बना लिया जो मुख्य विपक्षी दल बन गया था. विक्रमसिंघे को दूरदृष्टि वाली नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को संभालने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. उन्हें श्रीलंका का ऐसा राजनेता माना जाता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी जुटा सकते हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को देर रात राष्ट्र के नाम अपने टेलीविजन संदेश में पद छोड़ने से इनकार किया लेकिन इस सप्ताह एक नये प्रधानमंत्री और युवा मंत्रिमंडल के गठन का वादा किया.

इस बीच, अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के कारण जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंका की संसद में 17 मई को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. अध्यक्ष कार्यालय ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की.‘द डेली मिरर' समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस बाबत फैसला बृहस्पतिवार को पार्टी नेताओं की बैठक में लिया गया। प्रस्ताव पर चर्चा संसद में विशेष मंजूरी मिलने के बाद शुरू की जाएगी.संसद परिसर में पार्टी नेताओं की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में सदन के अध्यक्ष महिन्दा यापा अभयवर्धने ने कहा कि संबंधित प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा.उन्होंने कहा कि श्रीलंका में स्थायी सरकार के गठन और सांसदों की सुरक्षा सहित विभिन्न प्रस्ताव राष्ट्रपति राजपक्षे को सौंपे जाएंगे. सांसद एमए सुमंतिरन ने जोर देकर कहा कि आगे बढ़ने के लिए देश में एक स्थायी सरकार की आवश्यकता है.

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