G-20 में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ऋषि सुनक ने भारतीयों को दिया "गिफ्ट"

यूके वर्तमान में भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है. अगर यह समझौता हो जाता है तो यह अपनी तरह का भारत का किसी यूरोपीय देश के साथ पहला समझौता होगा.

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जी-20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कुछ इस अंदाज में मिले.

ब्रिटेन (यूके) के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रत्येक वर्ष यूके में काम करने के लिए भारत के युवा पेशेवरों के लिए 3,000 वीजा के लिए हरी झंडी दे दी है. ब्रिटिश सरकार ने कहा कि भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला वीजा-राष्ट्रीय देश है. इस संबंध में यूके-इंडिया माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप पर पिछले साल सहमति बनी थी.

यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, "आज यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम के तहत 18-30 वर्ष के बीच के 3,000 शिक्षित भारतीय नागरिकों को यूके में आने और दो साल तक काम करने की पेशकश की गई."  डाउनिंग स्ट्रीट रीडआउट में यह घोषणा जी-20 शिखर सम्मेलन के 17वें संस्करण के मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के कुछ घंटे बाद की गई. पिछले महीने भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश पीएम का पद संभालने के बाद सुनक और मोदी की पहली बैठक थी.

पीएम मोदी के कार्यालय ने भी एक ट्वीट में कहा, "बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक बातचीत कर रहे हैं."  डाउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा, "योजना का शुभारंभ भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों और भारत-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक प्रतिबद्धता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है."

इसमें कहा गया है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के लगभग किसी भी देश की तुलना में ब्रिटेन के भारत के साथ अधिक संबंध हैं. यूके में सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं, और यूके में भारतीय निवेश के कारण 95,000 लोगों को नौकरियां मिलती हैं. यूके वर्तमान में भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है.

अगर यह समझौता हो जाता है तो यह अपनी तरह का भारत का किसी यूरोपीय देश के साथ पहला समझौता होगा. यह व्यापार सौदा यूके-भारत व्यापारिक संबंध पर बनेगा, जो पहले से ही 24 बिलियन पाउंड का है, और यूके को भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के अवसरों का लाभ उठाने की अनुमति देगा. भारत के साथ गतिशील साझेदारी के समानांतर, ब्रिटिश सरकार ने कहा कि वह आव्रजन अपराधियों को हटाने की अपनी क्षमता को भी मजबूत कर रही है. यूके और भारत ने मई 2021 में इसे लेकर समझौता किया था. 

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