पाकिस्तान : इमरान ख़ान की सरकार में अंदरूनी फूट? उनके रक्षामंत्री ने ही उन्हें किया 'ब्लैकमेल'!

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक के बीच कथित तौर पर पहले खै़बर-पख़्तूनख्वां को लेकर तीखी बहस हुई. फिर रक्षा मंत्री मीडिया के सामने सफाई देते नज़र आए.

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पाकिस्तानी पीएम इमरान खान कर रहे विरोध का सामना.
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान (Imran Khan)  को विपक्ष तो सत्ता से हटाने की धमकियां दे ही रहा है अब उनकी अपनी सरकार में भी फूट पड़ने की ख़बरें बाहर आने लगी हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और रक्षा मंत्री परवेज खट्टक (Parvez Kattak) के बीच संसदीय दल की बैठक में ख़ैबर-पख़्तूनख्वां  (khyber pakhtunkhwa) प्रांत की उपेक्षा को लेकर तीखी बहस हुई. खट्टक ने कथित तौर पर पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाए थे कि इमरान सरकार उत्तर पश्चिमी प्रांत ख़ैबर-पख़्तूनख्वां की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने इमरान ख़ान को वोट ना देने की धमकी भी दी, और इससे इमरान नाराज हो गए. मीडिया की एक खबर में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई.

सूत्रों ने बताया कि खट्टक की शिकायत पर प्रधानमंत्री इमरान खान नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि वह उन्हें ‘‘ब्लैकमेल'' करना बंद करें. खबर के अनुसार, इसके बाद रक्षा मंत्री बैठक कक्ष से बाहर चले गए, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री ने उन्हें वापस बुलवाया.  बैठक के बाद, प्रधानमंत्री लगभग पूरे दिन अपने कक्ष में रहे और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) तथा सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य दलों के कई सांसदों से मिले.

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सूत्रों के अनुसार खट्टक का विचार था कि बिजली और गैस के प्रावधान के मामले में प्रांत की उपेक्षा की जा रही है, जबकि अन्य प्रांतों के लोगों द्वारा इन सुविधाओं का आनंद उठाया जा रहा है. खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि अगर यही स्थिति रही तो सूबे की जनता ‘पीटीआई' को वोट नहीं देगी. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन' की खबर के अनुसार, यह मामला गुरूवार को पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री खान की अध्यक्षता में सत्तारूढ़ गठबंधन के संसदीय दल की बैठक के दौरान उठा.

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संसद में एक विवादास्पद अनुपूरक वित्त विधेयक-2022 (जिसे पाकिस्तान में मिनी बजट कहा जा रहा है) को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई बैठक में भाग लेते समय रक्षा मंत्री ने कथित तौर पर कहा कि अगर कम विकसित प्रांत के लोगों को नए गैस कनेक्शन नहीं दिए गए तो वह प्रधानमंत्री खान को वोट नहीं देंगे.

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खट्टक संसद में खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के नौशेरा-I का प्रतिनिधि करते हैं. खट्टक ने हालांकि बैठक के बाद मीडिया से कहा कि उन्होंने न तो प्रधानमंत्री से कठोरता से बात की और न ही खान को वोट न देने की धमकी दी. उन्होंने केवल प्रांत में गैस की कमी और नए गैस कनेक्शन पर प्रतिबंध का मुद्दा उठाया था.

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उन्होंने कहा, ‘‘ इमरान खान मेरे नेता और प्रधानमंत्री हैं. मैंने उनसे नहीं कहा कि ख़ैबर-पख़्तूनख्वां के लोगों को गैस कनेक्शन नहीं दिए गए तो मैं उन्हें वोट नहीं दूंगा.'' खट्टक ने कहा कि वह सिगरेट पीने के लिए बैठक कक्ष से बाहर गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे सिगरेट पीने की आदत है और मैं कक्ष से बाहर सिगरेट पीने ही गया था.''

राजनीतिक मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शाहबाज गिल ने बाद में पुष्टि की कि खट्टक ने खैबर पख्तूनख्वा के लोगों के लिए गैस के प्रावधान का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर को बताया कि ख़ैबर-पख़्तूनख्वां में गैस आपूर्ति योजनाओं को अवरुद्ध किया जा रहा है और प्रांत के लोगों को कोई नए गैस कनेक्शन नहीं दिए जा रहे.

खबर के अनुसार, संसदीय दल की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री को अपने कक्ष में बुलाया और उन्होंने खट्टक के ‘रवैये' पर फिर से नाराजगी व्यक्त की.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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