चरमपंथी संगठन तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) द्वारा हाल में शुरू किया गया विरोध प्रदर्शन वापस लेने के बदले पाकिस्तान की सरकार ने टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा लिया है. सरकार के विरोध में हुए उक्त प्रदर्शन में 20 से ज्यादा लोगों की जान गई थी जिनमें आधी संख्या पुलिसकर्मियों की थी. फ्रांस में प्रकाशित हुए ईशनिंदा से संबंधित कार्टून के मुद्दे पर टीएलपी ने फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजने की मांग की थी और हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसके बाद इस साल अप्रैल में संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
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हाल ही टीएलपी के साथ एक गोपनीय समझौता करने वाली सरकार ने रविवार को एक औपचारिक अधिसूचना जारी की और टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर कर दिया.
संगठन की ओर से भविष्य में कानून के दायरे में रहकर काम करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद यह कदम उठाया गया है. टीएलपी ने 18 अक्टूबर को लाहौर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और इस्लामाबाद तक जुलूस निकालने की घोषणा की थी.
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फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजने की मांग और टीएलपी के प्रमुख साद रिजवी की रिहाई को लेकर टीएलपी ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में कम से कम 21 लोगों की जान चली गई थी जिसमें 10 पुलिसकर्मी थे.