पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी पर क्यों मचा सियासी बवाल? बिलावल ने खा ली कसम, नहर बना तो सरकार…  

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने चेतावनी दी है कि अगर संघीय सरकार विवादास्पद नहर परियोजना पर उनकी गंभीर आपत्तियों को दूर करने में विफल रही तो उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो जाएगी.

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी

पाकिस्तान में आजकर सिंधु नदी के पानी को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने चेतावनी दी है कि अगर संघीय सरकार विवादास्पद नहर परियोजना पर उनकी गंभीर आपत्तियों को दूर करने में विफल रही तो उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो जाएगी. यानी केंद्र की शहबाज शरीफ सरकार को छोड़ देगी.

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल ने पाकिस्तान के हैदराबाद में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "संघीय सरकार को अपनी विवादास्पद नहर परियोजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा PPP आपके (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) के साथ काम नहीं कर सकती."

सिंधु नदी के पानी पर क्यों मचा बवाल?

सिंधु नदी के लिए आई विवादास्पद नहर परियोजना दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच विवाद का कारण बन गई है. पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान तक पानी पहुंचाने के लिए छह नहरों का निर्माण करके सिंधु नदी के पानी को मोड़ना चाहती है. लेकिन इस परियोजना का शहबाज शरीफ के प्रमुख सहयोगी, PPP के साथ-साथ सिंध के कई राष्ट्रवादी दलों ने विरोध किया है.

PPP के बड़े नेता फरहतुल्ला बाबर ने आरोप लगाया है कि शहबाज सरकार की कॉर्पोरेट खेती पहल के तहत पंजाब में छह अतिरिक्त नहरें निकाली जा रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन नहरों के लिए पानी कहां से लाया जाएगा.

पाकिस्तान के जीयो टीवी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट छापी है कि चोलिस्तान नहर और उसके पूरे सिस्टम की अनुमानित लागत 211.4 अरब पाकिस्तानी रुपये है और परियोजना के माध्यम से, हजारों एकड़ बंजर भूमि का उपयोग कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. दावा है कि इस परियोजना से 400,000 एकड़ भूमि को खेती के लायक बनाया जाएगा.

लेकिन पाकिस्तान के सिंध में इसको लेकर खासा रोष देखने को मिल रहा है. लगभग सभी राजनीतिक और धार्मिक दलों, राष्ट्रवादी समूहों और नागरिक समाज संगठनों ने विवादास्पद योजना के खिलाफ सिंध भर में व्यापक रैलियां की हैं.

बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पार्टी ने बार-बार इस परियोजना पर आपत्ति जताई है. उनके पिता और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सरकार को आगाह किया है कि इसकी कुछ एकतरफा नीतियां सत्ता में मौजूद महागठबंधन पर "गंभीर तनाव" पैदा कर रही हैं.

बिलावल भुट्टो ने कहा कि ऐसी नहर परियोजनाएं इस्लामाबाद से थोपी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ "अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, और हम भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं". उन्होंने चेतावनी दी कि "अगर हमें शहबाज शरीफ और लोगों के बीच किसी को चुनना होगा, तो निर्णय मुश्किल नहीं होगा."

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नहर के निर्माण पर कोर्ट ने लगाई रोक

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने सिंध हाई कोर्ट को सूचना दी है कि कोर्ट से मिले पहले के आदेश का पालन करते हुए नहर परियोजना पर काम रोक दिया गया है. सिंधु नदी पर नहरों के निर्माण के खिलाफ दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल मोहसिन कादिर शाहवानी ने एक खंडपीठ को यह जानकारी दी.

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