पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने सोमवार को कथित ईशनिंदा को लेकर एक श्रीलंकाई नागरिक को पीट-पीट कर मार डालने के मामले में छह व्यक्तियों को मौत की सजा और सात अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई. आतंकवाद रोधी अदालत, लाहौर ने साथ ही शेष 67 अन्य संदिग्धों को दो-दो साल की सजा सुनाई.लाहौर में उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर बंद कमरे में दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवायी करने वाली न्यायाधीश नताशा नसीम ने संदिग्धों की उपस्थिति में यह फैसला सुनाया.न्यायाधीश ने हालांकि, नौ किशोर संदिग्धों के बारे में फैसला नहीं सुनाया जिनके खिलाफ सुनवायी अभी पूरी होनी बाकी है.
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने प्रांतीय राजधानी लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर सियालकोट में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था. भीड़ ने कारखाने के 47 वर्षीय महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा को ईशनिंदा के आरोप में कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था और उसका शव जला दिया था.इस घटना को लेकर, पूरे पाकिस्तान में नेताओं, विद्वानों और नागरिक समाज के सदस्यों की ओर से व्यापक आक्रोश जताया गया था और इसकी निंदा की गई थी. साथ ही अपराधियों को जल्द सजा दिये जाने की मांग भी की गई थी.
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