- पाकिस्तान के सिंध और खैबर पख्तूनख्वां प्रांतों में विनाशकारी बाढ़ से 400 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
- गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत में घिजर नदी के मुख्य चैनल में मिट्टी के प्रवाह से सात किलोमीटर लंबी झील बन गई है.
- इस नई झील के फटने से घिजर, गिलगित, अस्तोर और डायमर जिलों में भारी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है.
पिछले दिनों पाकिस्तान का सिंध और खैबर पख्तूनख्वां प्रांत विनाशकारी बाढ़ का शिकार हुआ. अब अधिकारियों ने देश के उत्तरी हिस्से में तबाही की बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है. अधिकारियों की मानें तो उत्तरी पाकिस्तान में लैंडस्लाइड के बाद एक सात किलोमीटर लंबी झील के फटने का खतरा मंडरा रहा है. आपको बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान में जो बाढ़ आई है उसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अगर झील फट गई तो
देश के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि मिट्टी का प्रवाह शुक्रवार को घिजर नदी के मुख्य चैनल में आ गया और उसे पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है. इसकी वजह से गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत में एक झील बन गई. प्रांतीय कार्यालय की ओर से जारी एक स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रुकावट के कारण एक 'बांध जैसी संरचना' बन गई है जिसके फटने का गंभीर खतरा है. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के महानिदेशक ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि नई झील विनाशकारी बाढ़ का कारण बन सकती है. उन्होंने बताया कि निचले इलाकों के चार जिले - घिजर, गिलगित, अस्तोर और डायमर - गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं.
खिसक रहा है पहाड़
गिजर, उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के पर्वतीय जिलों के उत्तर में स्थित है. यहां इस साल की सबसे भीषण मॉनसूनी बारिश और बादल फटने से आई बाढ़ ने 15 अगस्त से अब तक करीब 400 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. राष्ट्रीय प्राधिकरण की ओर से एक व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किए गए एक वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे पहाड़ से नीचे खिसकती काली मिट्टी नदी में गिर रही है. प्राधिकरण के एक अधिकारी की मानें तो वीडियो को यहां के निवासियों ने रिकॉर्ड किया है.
कई पहाड़ों से गिर रही मिट्टी
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फारक ने कहा कि इसी तरह की मिट्टी अलग-अलग पहाड़ों से नदी में गिर रही है. उन्होंने बताया कि ऊंची जमीन पर मौजूद एक चरवाहे ने, जिसने सबसे पहले मिट्टी के बहाव को नीचे गिरते देखा, ग्रामीणों और स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी. उनका कहना था कि इस चेतावनी के चलते पहाड़ों और नदी के आसपास के इलाकों में बसे दर्जनों बिखरे घरों में लगभग 200 लोगों को बचा लिया गया.
मॉनसून के बाद से कई मौतें
फरक ने कहा कि झील से पानी निकलना शुरू हो गया है. इसका मतलब है कि नदी के फटने का खतरा कम हो रहा है. लेकिन जब तक झील पूरी तरह से साफ नहीं हो जाती, तब तक निचले ज़िलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि नदी के निचले इलाकों में रहने वाले समुदायों को हाई अलर्ट पर रहने और नदी के किनारे के इलाकों को खाली करने का निर्देश दिया गया है. राष्ट्रीय प्राधिकरण ने कहा कि जून के अंत में मॉनसून शुरू होने के बाद से पाकिस्तान में बाढ़ से 785 लोगों की मौत हो चुकी है. उसने 10 सितंबर तक दो और बारिश की चेतावनी दी है.