कोर्ट की लंबी जंग के बाद अब लाहौर में 1200 साल पुराने मंदिर का होगा जीर्णोद्धार

लाहौर में कृष्ण मंदिर के अलावा, वाल्मीकि मंदिर एकमात्र मंदिर है, जहां लोग जाकर पूजा-पाठ कर सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
लाहौर:

पाकिस्तान में 1200 साल पुराने एक मंदिर का कोर्ट की लंबी लड़ाई के बाद जीर्णोद्धार किया जाएगा. इस मंदिर पर एक ईसाई परिवार ने कब्जा किया हुआ था, जिसे खाली करने के लिए कोर्ट ने कहा है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों की देखरेख करने वाले संघीय निकाय इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने इसकी जानकारी दी. ETPB ने पिछले महीने ही ईसाई परिवार से लाहौर के अनारकली बाजार के पास स्थित वाल्मीकि मंदिर का कब्जा वापस लिया था.

लाहौर में कृष्ण मंदिर के अलावा, वाल्मीकि मंदिर एकमात्र मंदिर है, जहां लोग जाकर पूजा-पाठ कर सकते हैं. 

जिस ईसाई परिवार ने मंदिर पर कब्जा कर रखा था, उसका दावा है कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है. वह पिछले दो दशक से केवल वाल्मीकि जाति के हिंदुओं को मंदिर में पूजा करने दे रहा था. 

ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि आने वाले दिनों में 'मास्टर प्लान' के तहत वाल्मीकि मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा. उन्होंने कहा, "100 से अधिक हिंदू, कुछ सिख और ईसाई नेता वाल्मीकि मंदिर पहुंचे. हिंदुओं ने अपने धार्मिक अनुष्ठान किए और पहली बार लंगर का सेवन किया.' ईसाई परिवार ने बीस साल से भी ज्यादा समय से मंदिर पर कब्जा किया हुआ था. 

Advertisement

सऊदी अरब में मिला 8000 साल पुराना मंदिर, पूरी दुनिया हैरान है, बहुत से रहस्य अचंभित करेंगे

ईटीपीबी के एक अधिकारी ने डॉन अखबार को बताया, मंदिर की जमीन राजस्व रिकॉर्ड में ईटीपीबी को हस्तांतरित कर दी गई थी, लेकिन परिवार ने 2010-2011 में संपत्ति के मालिक होने का दावा करते हुए दीवानी अदालत में मामला दायर किया. इसके अलावा परिवार ने केवल वाल्मीकि हिंदुओं के लिए मंदिर भी बनाया. इससे ट्रस्ट के पास कोर्ट में केस लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.

Advertisement

साल 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, हथियारों से लैस एक गुस्साई भीड़ ने वाल्मीकि मंदिर पर धावा बोल दिया था. मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया और इमारत में आग लगा दी गई थी. पड़ोस की दुकानों में भी आग लग गई और आग बुझाने में कई दिन लगे थे. ईटीपीबी के प्रवक्ता ने डॉन अखबार को बताया कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक सदस्यीय आयोग ने सरकार को अपनी सिफारिशें पेश की थीं. जिसमें कहा गया था कि मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए. ईटीपीबी मुकदमे की वजह से शहर के बीचों-बीच करोड़ों रुपए की कीमत वाली 10 मरला जमीन पर बने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू करने में असमर्थ था.

Advertisement

डॉक्टर ने साईंबाबा मंदिर को हीरे से जड़ा 33 लाख रुपये का सोने का मुकुट किया दान

ETPB उन सिखों और हिंदुओं द्वारा छोड़े गए मंदिरों और भूमि की देखभाल करता है जो विभाजन के बाद भारत में चले गए थे. यह पूरे पाकिस्तान में 200 गुरुद्वारों और 150 मंदिरों की देखरेख करता है.

Advertisement

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में मंदिर में की पूजा

Featured Video Of The Day
Loud & Clear Message To Pak, End Of Terror Groups Like Jem And Let
Topics mentioned in this article