जापान के सुसमू कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड रॉबसन और अमेरिका के ओमर एम यागी को संयुक्त रूप से रसायन विज्ञान का नोबेल दिया गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज बुधवार, 8 अक्टूबर को इसकी घोषणा की.
मेटल-कार्बनिक फ्रेमवर्क में दिया है योगदान
वैज्ञानिकों ने मेटल-कार्बनिक फ्रेमवर्क के लिए अपना योगदान दिया है. यह कार्बन और मेटल दोनों से मिलकर बने होते हैं, इनका इस्तेमाल केमिकल प्रोसेस में मदद, गैस को जोड़े रखने और कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में से हटाने का काम करता है.
1901 और 2024 के बीच 195 व्यक्तियों को केमिस्ट्री के लिए 116 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं. पिछले साल यानी 2024 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार सिएटल में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के बायोकेमिस्ट डेविड बेकर और लंदन स्थित ब्रिटिश-अमेरिकी आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस रिसर्च लैब- Google डीपमाइंड के कंप्यूटर वैज्ञानिकों डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर को दिया गया था.
अबतक 2025 का नोबेल पुरस्कार
2025 के पहले नोबेल की घोषणा सोमवार को की गई थी. मेडिसिन फिल्ड में पुरस्कार फेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस से संबंधित उनकी खोजों के लिए मैरी ई. ब्रंको, फ्रेड रैम्सडेल और डॉ. शिमोन सकागुची को दिया गया था. इसके बाद मंगलवार का फिजिस्क के लिए नोबेल पुरस्कार जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को सब-एटॉमिक क्वांटम टनलिंग की अजीब दुनिया पर उनके रिसर्च के लिए दिया गया, जो रोजमर्रा के डिजिटल संचार और कंप्यूटिंग की शक्ति को आगे बढ़ाता है.
अब इसके बाद बारी आएगी साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार की, जिसकी घोषणा गुरुवार को होगी. जबकि नोबेल शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होगी और इकनॉमी के लिए नोबेल की घोषणा अगले सोमवार को की जाएगी. आखिर में पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जो इन पुरस्कारों की स्थापना करने वाले अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह है. अल्फ्रेड नोबेल एक धनी स्वीडिश उद्योगपति थे और उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था. 1896 में उनकी मृत्यु हो गई थी.
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