"हमास की ताकत में इजाफे के लिए नेतन्याहू जिम्मेदार" : NDTV से बोले इजरायल के पूर्व PM

इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने कहा कि हम शांति चाहते हैं लेकिन अगर हमास वहां है तो शांति नहीं होगी. हम जानते हैं कि निर्दोष लोग मारे गए हैं, लेकिन हमास उन्हें जाने नहीं दे रहा है.

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ओलमार्ट ने कहा कि हमें नागरिकों को मारने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
नई दिल्ली :

इजरायल (Israel) के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट (Ehud Olmert) ने एनडीटीवी के साथ एक खास इंटरव्‍यू में हमास के साथ युद्ध बढ़ने के खिलाफ बात की और गाजा पट्टी में क्षति को सीमित करने की आवश्यकता जोर दिया. ओलमर्ट ने ऐसे वक्‍त में यह बयान दिया है, जब इजरायल के किसी भी दिन अपना जमीनी हमला शुरू करने की संभावना जताई जा रही है. यह हमला संयुक्त राष्ट्र सहित कई लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है, जिसे लेकर वैश्विक नेताओं के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है. इसके साथ ही ओलमर्ट ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू (Benjamin Netanyahu) के खिलाफ भी जमकर हमला बोला है.  

ओलमर्ट ने एनडीटीवी को बताया, "मुझे लगता है कि इसका उद्देश्य कूटनीतिक समझौता करना है." उन्होंने कहा, "हमें आकस्मिक क्षति को कम करने का प्रयास करना चाहिए. यह इस बात की प्रतिस्पर्धा नहीं है कि कौन अधिक मारता है. हमें नागरिकों को मारने में कोई दिलचस्पी नहीं है."

हालांकि उन्होंने 7 अक्टूबर के हमास हमले के बाद से इजरायल के रुख को भी रेखांकित किया और कहा, "हम शांति चाहते हैं लेकिन अगर हमास वहां है तो शांति नहीं होगी. हम जानते हैं कि निर्दोष लोग मारे गए हैं, लेकिन हमास उन्हें जाने नहीं दे रहा है."

उन्होंने कहा, "हमें हमास को उसकी स्थिति से हटाने के लिए ठोस प्रयास करना चाहिए. यह शांति हासिल करने के लिए जरूरी कदम है, लेकिन अगर हमास वहां है तो कभी शांति नहीं होगी."

इसके साथ ही ओलमर्ट ने यह भी संकेत दिया कि हमलों के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दोषी ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमास की ताकत में इजाफे के लिए नेतन्याहू जिम्मेदार हैं. नेतन्याहू व्यक्तिगत और सीधे हमास के साथ डील के लिए जिम्मेदार हैं. 80 फीसदी लोग उन्हें बाहर करना चाहते हैं." ओलमर्ट ने अपना राजनीतिक करियर सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के साथ शुरू किया था. हालांकि बाद में 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शेरोन के नेतृत्व में गठित कदीमा में चले गए थे. 

कदीमा डिसइंगेजमेंट प्लान के पक्ष में है, इस प्‍लान में संभावित फिलिस्तीन के साथ इजरायल की सीमाओं को तय करते हुए फिलिस्तीनी क्षेत्र से इजरायली बस्तियों को हटाना शामिल है. 

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