- नेपाल के बारां जिले के सिमरा पार्क में बुधवार और गुरुवार को Gen Z और CPN UML नेताओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
- हिंसा के कारण प्रशासन को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा, जिसे शनिवार को हटा लिया गया है.
- Gen Z आंदोलनकारियों का गुस्सा UML नेता महेश बस्नेत के खिलाफ था, जो केपी ओली का समर्थन कर चुके हैं.
नेपाल में बुधवार और गुरुवार को हुए Gen Z के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद अब शांति का माहौल है. एनडीटीवी की टीम बारां जिले के सिमरा पार्क में उस जगह पर पहुंची जहां पर कुछ समय पहले कर्फ्यू लगाया गया था. लेकिन अब यहां हालात सामन्य हो रहे हैं और लोग अपने पुराने रुटीन में वापस आ रहे हैं, क्यों कि शनिवार को सिमरा पार्क से कर्फ्यू हटा लिया गया है. कर्फ़्यू हटते ही सिमरा पार्क में लोगों की आवाजाही बढ़ी और आम जनजीवन पटरी पर लौटता हुआ दिखाई दिया.
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नेपाल के सिमरा पार्क में अब शांति है
सिमरा पार्क, जहां हिंसा की शुरुआत हुई थी, आज लोगों की भीड़, बच्चों की खेलकूद और लोगों की बातचीत से फिर से गुलजार दिखा. स्थानीय लोग कर्फ़्यू हटने के बाद खुलकर पार्क में समय बिताते और माहौल का आनंद लेते नजर आए. यह वही जगह है जहां पर बुधवार को जनरल ज़ेड और सीपीएन यूएमएल नेताओं के बीच पहली हिंसा हुई थी. अब यहां जन-जीवन सामान्य हो रहा है. इलाके से कर्फ्यू हटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है.
नेपाल में NDTV की चौपाल: जनता से सीधा संवाद
NDTV की टीम ने सिमरा पार्क में “नेपाल रमन चौपाल” के दौरान लोगों से सीधा संवाद किया. स्थानीय निवासियों ने एनडीटीवी का गर्मजोशी से स्वागत किया और नेपाल–भारत संबंधों को लेकर सकारात्मक बातें साझा कीं. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का पुराना रिश्ता है.चौपाल के दौरान एनडीटीवी ने एक वरिष्ठ बुजुर्ग नागरिक से भी बातचीत की, जिन्होंने हाल ही के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल की मौजूदा स्थिति को लेकर अपनी राय रखी.
उन्होंने कहा, “एनडीटीवी का हम नेपाल में स्वागत करते हैं. नेपाल में भी पीएम मोदी जैसा प्रधानमंत्री होना चाहिए. नेपाल भारत की मदद से चलता है और पूरी दुनिया में मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री होना चाहिए.” इस दौरान उन्होंने नेपाल-भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों का भी जिक्र किया और दोनों देशों के बीच दोस्ती को मजबूती देते रहने की बात कही.
Gen Z ने किया था हिंसक विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि गुरुवार को विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. हालात इस कदर बिगड़ने लगे कि प्रशासन को उन्हें रोकने के लिए इलाके में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था. Gen Z के पूरे बवाल की शुरुआत बारां जिले से बुधवार को हुई थी. दरअसल, आंदोलनकारियों का गुस्सा UML नेता महेश बस्नेत के खिलाफ था. पूर्व पीएम केपी ओली की पार्टी के नेता महेश बस्नेत पर आरोप है कि उन्होंने पिछली बार हुए Gen Z आंदोलन के दौरान केपी शर्मा ओली का समर्थन किया था. इस मुद्दे को लेकर तनाव का माहौल वहां पहले से ही था.
प्रशासन ने इलाके में लगाया था कर्फ्यू
केपी ओली की पार्टी के नेताओं को देखते ही ये तनाव फिर से इस बढ़ गया कि युवा सड़कों पर उतर आए. बुधवार को देखते ही देखते CPN- UML कार्यकर्ताओं और Gen Z के बीच आपसी झड़प शुरू हो गई. हालात इस कदर बिगड़ गए कि प्रशासन को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा. लेकिन गुरुवार को Gen Z की भीड़ सड़कों पर फिर जुटी. पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश में युवाओं का गुस्सा और भड़क उठा. उनको नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े.
Gen Z का आरोप था कि बुधवार को हुई झड़प में जिन UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थ उनको को गिरफ्तार नहीं किया गया. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था. ये दोनों ही UML पार्टी के कार्यकर्ता बताए गए.













