अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का सबसे शक्तिशाली रॉकेट सोमवार को चांद पर से लोगों को वापस लाने के लिए उड़ान भरने वाला था लेकिन लांचिंग के कुछ घंटे पहले इसे ईंधन भरने में परेशानी से जूझना पड़ा. इसके चलते T-40 मिनट्स पर काउंटडाउन क्लॉक को रोकना पड़ा है. योजना पर हाइड्रोजन टीम, आर्टेमिस 1 के लांच डायरेक्टर से चर्चा करेगी.
अपोलो 17 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के चांद पर कदम रखने के 50 साल बाद आर्टेमिस स्पेस प्रोग्राम सुबह 8:33 बजे (1233 GMT)को बिना क्रू के 322 फुट के स्पेस लांच सिस्टम रॉकेट को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंट से प्रक्षेपित किया जाना है. उप राष्ट्रपति कमला हैरिस सहित हजारों की संख्या में लोगों के इस लांचिंग को देखने के लिए बीच पर जुटने की संभावना है. Artemis 1 फ्लाइट का लक्ष्य SLS और रॉकेट के ऊपर स्थापित होने वाले Orion कैप्सूल का परीक्षण करना है.
तीन मिलियन लीटर से अधिक अल्ट्रा कोल्ड लिक्विड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को रॉकेट में भरने के रात के ऑपरेशन में बिजली गिरने के कारण थोड़ी देर हो गई, हालांकि रॉकेट को एक घंटों के बाद रवाना होना है. रात करीब तीन बजे एक और परेशानी सामने आई, हाइड्रोजन भरने के दौरान लीकेज की आशंका के कारण इस काम को रोकना पड़ा. टेस्ट के बाद ईंधन भरने का काम फिर से शुरू किया गया. NASA's Exploration Ground Systems ने एक ट्वीट में लिखा है, "लीकेज स्वीकार्य स्तर पर था और हम ऑपरेशन दोबारा शुरू करने के लिए जोरशोर से जुट गए हैं." लिफ्टऑफ सुबह 8:33 के लिए तय है. ईंधन भरने की प्रक्रिया में हुई देर के बाद नासा ने कहा है कि वह लांचिंग का नया समय जल्द ही तय करेगा. स्पेस सेंटर के लांच काम्पलेक्स 39 बी में स्थापित यह नारंगी और सफेद रंग का विशाल रॉकेट, बारिश और तूफान की स्थिति में उड़ान नहीं भर पाएगा.
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