Sunita Williams Live update: ड्रैगन अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक पृथ्वी की सतह पर उतरा है, जिसके साथ ही नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, क्रू-9 के सदस्य बुच विल्मोर, निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांद्र गोरबुनोव लगभग नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद वापस लौट आए हैं. वहीं, सभी अंतरिक्ष यात्री अब ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आ गए हैं. यह एक ऐतिहासिक पल है जो नासा और स्पेसएक्स की टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है.
पैराशूट के साथ चारों यात्रियों को ला रहा ड्रैगन कैप्सूल समंदर में लैंड कर गया है. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी हो गई है. नासा के कंट्रोल रूम के सभी साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी हुई थी. धड़कनें बढ़ाने वाला यह पल था.
अब कैप्सूल के समंदर में उतरने के करीब 10 मिनट तक कैप्सूल का सिक्यॉरिटी चेक किया गया. कैप्सूल को सीधे नहीं खोला जाता है. ऐसा अंदर और बाहर के तापमान को एक लेवल पर आने के लिए भी किया जाता है. कैप्सूल जब धरती के वातावरण में घुसता है, तो वह गर्मी से बिल्कुल लाल हो जाता है. इसलिए समंदर में उतरने के बाद भी उसके तापमान के सामान्य होने का इंतजार किया जाता है.
बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने पिछले साल 5 जून 2024 को नासा के मिशन के तहत बोइंग के अंतरिक्ष यान पर बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी. ये मिशन सिर्फ 10 दिन का था, लेकिन अंतरिक्ष यान में खराबी आने की वजह से दोनों धरती पर वापस नहीं लौट सके. 10 दिन का ये मिशन 9 महीने का हो गया. अब सुनीता और बुच दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ वापस आ रहे हैं. अन्य दो अंतरिक्ष यात्री हैं, निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव.
LIVE UPDATE:
डॉलफिन्स ने किया सुनीता विलियम्स का स्वागत
सुनीता विलियम्स धरती पर आने के 50 मिनट बाद भी कैप्सूल से बाहर क्यों नहीं आईं? पानी में इसका होता है इंतजार..
Sunita Williams Returns: भले ही ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे पानी में उतर गया था लेकिन अगले 50 मिनट तक अंतरिक्ष यात्री उसके अंदर से बाहर नहीं आए. सवाल है कि ऐसा क्यों है?

कई जगह से पड़ा काला, सुनीता को धरती पर लाने वाला कैप्सूल की हालत बता रही है वह कितना तपा होगा
कैप्सूल जब धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो 3500 डिग्री फेरेनाइट से तपने के कारण अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को यह किसी आग के गोले के समान लाल नजर आता है.

चेहरे पर मुस्कान, तनी हुई मुट्ठी... देखें 9 महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स की पहली तस्वीर
सुनीता ने कैप्सूल से बाहन निकलते ही हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. मुट्ठी तानकर बताया कि मिशन कामयाब रहा. सारे सिक्यॉरिटी चेक के बाद ड्रैगन कैप्सूल से एक-एक कर उसके अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्री बाहर निकाला गया.

सुनिता की वापसी पर जीतेन्द्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने एक्स पोस्ट में लिखा, 'गौरव, गर्व और राहत का क्षण! पूरा विश्व भारत की इस शानदार बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मनाने के लिए एक साथ आया है, जो अंतरिक्ष की अनिश्चितताओं को सहन करने के साहस, दृढ़ विश्वास और स्थिरता के लिए इतिहास में दर्ज हो गई है.
अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी पर व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि वादा किया, वादा निभाया.. राष्ट्रपति ट्रम्प ने नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का वादा किया. आज, वे सुरक्षित रूप से अमेरिका की खाड़ी में उतर गए. धन्यवाद एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा.
9 महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स की पहली तस्वीर
ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आईं सुनीता विलियम्स
ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाली सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स भी ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाली गईं. उन्हें तीसरे नंबर पर बाहर निकाला गया. हंसते हुए उन्होंने सभी का अभिवादन किया. कैप्सूल से अंतरिक्ष यात्रियों को निकालने की प्रक्रिया भी काफी जटिल होती है. कैप्सूल से सारे यात्री एक एक कर बार नहीं आते हैं. उन्हें एक तरह से काफी मुश्किल से कैप्सूल के अंदर से खींचकर बाहर निकाला जाता है. इसके कुछ देर बार दूसरे अंतरिक्ष यात्री को बाहर निकाला गया.
सुनीता विलियम्स अब ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आ गई हैं.
सुनीता विलियम्स अब ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आ गई हैं.
कैप्सूल से बाहर आए सभी अंतरिक्ष यात्री
तसल्ली के साथ खोला जाता है कैप्सूल
तरिक्ष के इस मिशन में कितने सब्र की जरूरत होती है, यह भी इस मिशन का आखिरी पल बताता है. समंदर में चारों अंतरिक्ष यात्रियों के लैंड होने के करीब एक घंटे तक वे कैप्सूल से बाहर नहीं आते हैं. एक एक सेफ्टी चेक बाद पूरी तसल्ली के साथ कैप्सूल को खोला जाता है. कैप्सूल का दरवाजा खोलने के बाद सबसे पहले यात्री बाहर नहीं आते हैं, बल्कि उससे सामान बाहर निकाला जाता है.
कैप्सूल का गेट को खोल दिया गया
सुरक्षित स्पलैशडाउन के साथ स्पेसएक्स की रिकवरी टीमें साइट पर पहुंची और कैप्सूल को रिकवरी पोत पर रखा गया है. कैप्सूल का गेट को खोल दिया गया है.
कैप्सूल को पानी से बाहर लाया गया
अब कैप्सूल को पानी से बाहर लाया गया और शिप पर रखा गया है. कुछ ही देर में कैप्सूल को खोला जाएगा.
अब कैप्सूल से बाहर आएंगे अंतरिक्ष यात्री
मिशन का आखिरी हिस्सा कितना पेचीदा होता है, यह समंदर में उतरने के बाद भी करीब आधे घंटे से ज्यादा का सेफ्टी चेक बता रहा है. कैप्सूल की बारीकी से जांच की जा रही है. जब सेफ्टी चेक पूरा हो जाएगा, तो फिर सभी अंतरिक्ष यात्रियों को एक एक कर कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा.
सुनीता की घरवापसी : कैप्सूल की जांच हुई
करीब आधे घंटे तक यात्रियों को धरती पर लाने वाले ड्रैगन कैप्सूल की सिक्यॉरिटी चेक की प्रक्रिया चलती रही. एक कर्मचारी ने कैप्सूल के ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से जांच की.
कैसा रहा है सुनीता विलियम्स का सफर
कैप्सूल के ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से चेकिंग की जाती है.
कैप्सूल के ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से चेकिंग की जाती है. कैप्सूल के अंदर चारों अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं. अंतरिक्ष विज्ञान का भाषा में इस प्रक्रिया को रिगिंग कहा जातै है.
पैराशूट को सकुशल खोल दिया गया
नासा कमांड सेंटर ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यात्रियों से संपर्क स्थापित किया है और पैराशूट को सकुशल खोल दिया गया है. यह एक महत्वपूर्ण चरण है जो अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करता है.
धरती की ओर बढ़ रहा कैप्सूल, सिग्नल फिर से वापस आ गया
चंद मिनट पहले देखिए धरती की ओर बढ़ रहा कैप्सूल कुछ ऐसे दिखाई दे रहा है. यह कैप्सूल करीब 3 हजार फीट पर हैं और सिग्नल फिर से वापस आ गया है.
सुनीता विलियम्स की वापसी : स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल और यान के बीच सिग्नल का टूटा
ड्रैगन अंतरिक्षयान और स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल के बीच सिग्नल का टूट गया है. ऐसा तापमान से प्लाज़्मा बिल्ड-अप के कारण होता है. फिर जल्द ही सिग्नल को जल्द ही वापस प्राप्त किया जाएगा.
सुनीता की घरवापसी LIVE: इस वक्त सबकुछ तय हिसाब से चल रहा है.
सुनीता की घरवापसी LIVE: इस वक्त सबकुछ योजना के अनुसार चल रहा है और सभी पैरामीटर सामान्य हैं. ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग की तैयारी पूरी हो चुकी है और नासा की टीम इस ऐतिहासिक पल के लिए तैयार है.
धरती की ओर बढ़ रहा ड्रैगन कैप्सूल
कुछ इस तरह से धरती की ओर बढ़ रहा ड्रैगन कैप्सूल. इस समय आखिरी 46 मिनट चल रहे हैं.
कम्युनिकेशन ब्लैकआउट का पल शुरू
कम्युनिकेशन ब्लैकआउट का पल शुरू होने को है. यह वह पल होता है जब 10 मिनट के लिए सभी अंतरिक्ष यात्रियों से संपर्क टूट जाता है.
नासा के साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी
पैराशूट के साथ चारों यात्रियों को ला रहा ड्रैगन कैप्सूल कुछ ही मिनटों में समंदर में लैंड करेगा. नासा और स्पेसएक्स की टीम इस ऐतिहासिक पल के लिए तैयार है. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी के लिए सभी की सांसें थमी हुई हैं. नासा के कंट्रोल रूम के सभी साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी हुई हैं. धड़कनें बढ़ाने वाला पल शुरू हो गया है.
जानिए कब खुलेंगे पैराशूट
नासा के कमेंटेटर बता रहे हैं कि कैप्सूल जब धरती से करीब 18 हजार फीट नजदीक आएगा तो इसकी रफ्तार 350 मील (करीब 500 किलोमीटर) के करीब हो जाएगी. उसी समय पैराशूट खुलेंगे. यह सबसे रोमांचक पल होते हैं. पैराशूट के साथ चारों यात्रियों को ला रहा कैप्सूल समंदर में लैंड करेगा.
अब आग के गोले में बदल जाएगा कैप्सूल
वह पल शुरू होने वाला है, पूरा कैप्सूल आग के गोले में बदल जाएगा. धरती के वातावरण में घर्षण के कारण 3500 डिग्री फॉरेन्हाइट तक कैप्सूल तप जाता है. इसका मतलब है कि तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोहा भी पानी हो जाए. लेकिन कैप्सूल में लगीं विशेष धातुएं कैप्सूल को गर्मी से बचाती हैं. इन सबसे मुश्किल मिनटों में कैप्सूल का सिग्नल भी टूट जाता है. नासा के मुताबिक यह समय करीब सात से 10 मिनट तक का रहता है.
कुछ ऐसे धरती पर लैंड होगा ड्रैगन कैप्सूल
कुछ ऐसे धरती पर लैंड होगा ड्रैगन कैप्सूल
कुछ ऐसे धरती पर लैंड होगा ड्रैगन कैप्सूल. कैप्सूल ने धरती के वातावरण में घुसने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नासा अपने लाइव टेलिकास्ट में कैप्सूल के अंदर बैठे यात्रियों को भी दिखा रहा है. सभी शांत दिखाई दे रहे हैं. कैप्सूल को जहां लैंड करना है, वहां भी मौसम साफ है. लैंडिंग के बाद की सारी तैयारियां की जा रही हैं.
कैप्सूल की तस्वीरें
कुछ ऐसा है सुनीता विलियम्स और बाकी तीन यात्रियों को ला रहा कैप्सूल. इसके सबसे निचले वाले हिस्से पर वह ट्रंक है, जो कुछ ही देर पहले कैप्सूल से अलग हुआ है.
फ्लोरिडा का मौसम साफ
फ्लोरिडा का मौसम साफ है और लैंडिंग के लिए समंदर को खाली करा दिया गया है=. नासा और स्पेसएक्स की पूरी टीम सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी के लिए ड्रैगन पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
कैप्सूल से ट्रंक सफलता के साथ अलग हो गया
कैप्सूल से ट्रंक सफलता के साथ अलग हो गया है. सबसे मुश्किल 46 मिनट शुरू हो गए हैं. चारों अंतरिक्षयात्री अब धरती में ओर बढ़ने ही वाले हैं.
हीट शील्ड के साथ धरती के वातावरण में घुसेगा कैप्सूल
ट्रंक सैपरेशन की प्रक्रिया बस शुरू होने वाली है. हीट शील्ड के साथ धरती के वातावरण में घुसेगा कैप्सूल. करीब 10 मिनट के सिग्नल भी टूट जाएगा.
बस कुछ ही देर में बूस्टर अलग होगा और धरती की बढ़ने लगेगा ड्रैगन कैप्सूल.
नासा सुनीता विलियम्स और बाकी तीन यात्रियों की घरवापसी के आखिरी लम्हों का लाइव टेलिकास्ट कर रहा है. नासा के कंट्रोल रूप में इस वक्त तनाव के पल. सभी की नजरें स्क्रीन पर लगी हुई हैं. बस कुछ ही देर में बूस्टर अलग होगा और धरती की बढ़ने लगेगा ड्रैगन कैप्सूल.
कुछ ही मिनटों में यान वायुमंडल में प्रवेश करेगा
नासा के कंट्रोल सेंटर में सबसे बेचैनी वाले पल. बस कुछ ही देर में शुरू होने वाले हैं. सबसे मुश्किल 46 मिनट. कैप्सूल चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती के वातावरण में घुसेगा. ड्रैगन कैप्सूल अब डिपार्चर प्रोसेस से गुजर रहा है और कुछ ही मिनटों में यह यह वायुमंडल में प्रवेश करेगा.
कैप्सूल अब धरती के वातावरण में घुसेगा
नासा के कंट्रोल सेंटर में सबसे बेचैनी वाले पल. बस कुछ ही देर में शुरू होने वाले हैं. सबसे मुश्किल 46 मिनट. कैप्सूल चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती के वातावरण में घुसेगा.
कुछ ही मिनटों में सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी
स्पेसएक्स का ड्रैगन यान सुनीता विलियम्स समेत अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अब से कुछ ही देर बाद 3.27 बजे फ्लोरिडा के समंदर में उतरेगा. ड्रैगन यान तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है.
सुनीता विलियम्स की सुरक्षित धरती पर वापसी के लिए हवन
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के गुजरात के मेहसाणा स्थित पैतृक गांव झूलासन में उनकी सुरक्षित धरती पर वापसी के लिए हवन किया जा रहा है.
स्पेसएक्स क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी की नासा कवरेज एक घंटे में फिर से शुरू होगी
नासा स्पेसएक्स क्रू-9 - सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, नासा के निक हेग और रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव - की पृथ्वी पर वापसी का लाइव कवरेज 2:15 बजे IST पर फिर से शुरू करेगा. अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने में सक्षम बनाने के लिए इंजनों की फायरिंग - 2:41 बजे IST और स्पलैश डाउन ठीक 44 मिनट बाद 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर होगा.
सुनीता विलियम के चचेरे भाई दिनेश रावल ने क्या कहा?
सुनीता विलियम के चचेरे भाई दिनेश रावल ने कहा कि परिवार में हर कोई सुनीता के सुरक्षित वापस आने की प्रार्थना कर रहा है. सभी खुश हैं कि वह वापस आ रही है.
सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए उनके गांववालों ने जला रखी है अखंड ज्योति
सुनीता विलियम्स के गांव में लोग प्रार्थना कर रहे हैं तथा उस 'अखंड ज्योति' की देखरेख कर रहे हैं, जिसे करीब नौ महीने पहले उनके अंतरिक्ष में जाने के तुरंत बाद उनकी सुरक्षित वापसी के लिए जलाया गया था. विलियम्स के चचेरे भाई नवीन पांड्या के अनुसार, विलियम्स के सम्मान में एक भव्य जुलूस निकाला जाएगा, जिसमें प्रार्थना और आतिशबाजी के साथ दिवाली और होली जैसा उत्सवी माहौल होगा. जुलूस में लोग विलियम्स की तस्वीर लेकर चलेंगे. उनकी तस्वीर के साथ जुलूस एक स्कूल से मंदिर तक निकाला जाएगा, जहां 'अखंड ज्योति' रखी गई है, जिसमें छात्र भी शामिल होंगे. हम मंदिर में प्रार्थना करेंगे. बता दें कि सुनीता विलियम्स के पिता दीपक पांड्या मूल रूप से गुजरात के झूलासण के रहने वाले हैं, जो 1957 में अमेरिका चले गए थे.
सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव में की जा रही है प्रार्थना
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के गुजरात स्थित पैतृक गांव के निवासी धरती पर उनकी सुरक्षित वापसी की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं. गांववालों ने विलियम्स की धरती पर वापसी होने पर बुधवार सुबह दिवाली जैसा उत्सव मनाने की योजना बनायी है. मेहसाणा जिले में झूलासण गांव के निवासी उत्साह से भरे हुए हैं। यह गांव विलियम्स के पिता दीपक पांड्या का पैतृक गांव है.
जब तक सुनीता सही सलामत घर वापस नहीं आएगी, तब तक थोड़ी परेशानी है
सुनीता के भाई दिनेश ने कहा कि जब तक सुनीता विलियम्स सही-सलामत धरती पर नहीं आ जाएं, तब तक मुझे थोड़ी परेशानी और टेंशन है। घर के कई लोग मुझसे पूछते हैं तो मैं उन्हें सब कुछ ठीक बताता हूं, लेकिन जब सुनीता विलियम्स धरती पर सही-सलामत आएंगी, तभी मन प्रसन्न होगा। सुनीता के लिए सही सलामत आना, झुलासन गांव, अहमदाबाद, गुजरात, भारत और पूरी दुनिया के लिए बहुत गौरव की बात है.
सुनीता विलियम्स की घर वापसी की खबर से परिवार में खुशी का माहौल
सुनीता विलियम्स के धरती पर वापस आने की खबर से परिवार में खुशी का माहौल है. सफल वापसी के लिए गांव में यज्ञ-पूजन का आयोजन हो रहा है. रिश्ते में सुनीता विलियम्स के बड़े भाई दिनेश ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की. उन्होंने कहा कि सुनीता विलियम्स नौ महीनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. घर के सभी लोग उसके लिए परेशान थे. परिवार के सभी लोग दुखी थे. न्यूज पेपर में सुनीता से जुड़ी कोई खबर आती थी, तो हम परेशान हो जाते थे, लेकिन अब जब आज सुनीता की सुरक्षित वापसी हो रही है, तो हमें बहुत आनंद हो रहा है.
सितंबर में 60 साल की हुई हैं सुनीता
बता दें कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स मंगलवार की शाम धरती पर लौटने वाली हैं. वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर असामान्य रूप से लंबे समय तक रहने के बाद वापस आ रही हैं. सुनीता विलियम्स, जो इस साल सितंबर में 60 वर्ष की हुईं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं. उनसे पहले कल्पना चावला यह उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं, लेकिन 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी.
सुनीता विलियम्स के पिता गुजरात से हैं...
सुनीता विलियम्स का जन्म 1965 में हुआ था. उनके पिता दीपक पांड्या गुजरात से हैं जबकि उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या (जालोकर) स्लोवेनिया से हैं. सुनीता ने पहली बार 2006 में "डिस्कवरी" स्पेस शटल के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा की थी.
सुनीता के बड़े भाई ने बताई बचपन की ऊंट वाली बात
सुनीता विलियम्स के वापसी पर उनके रिश्ते में बड़े भाई दीपक रावल ने बताया कि सुनीता विलियम्स की वापसी की खबर सुनकर परिवार में सभी खुश हैं. बचपन की बातों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि सारी जिंदगी हम और उनके पिताजी साथ में रहे हैं. अमेरिका जाने के बाद वे लोग जब-जब भारत आए, हमारे घर पर रुके. बचपन से ही सुनीता निडर थी. हमें एक बात याद है कि जब बचपन में उसे ऊंट पर बिठाया गया, तो वह ऊंट के ऊपर से उतर ही नहीं रही थी, किसी तरह उसे उतारा गया था.
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी पर झुलासन गांव में खुशी का माहौल
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर गुजरात के मेहसाणा स्थित झुलासन गांव में रहने वाले ग्रामीण काफी खुश हैं. सभी लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अंतरिक्ष से उनकी सुरक्षित वापसी हो. सुनीता विलियम्स के इस गांव में उनके स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही हैं. ग्रामीणों को उम्मीद है कि सुनीता गांव में जरूर आएंगी. ग्रामीणों के अनुसार, वह सुनीता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वह तीन बार गांव आ चुकी हैं, पहली बार साल 2006 और इसके बाद साल 2012 में आई थ. अन्य ग्रामीणों ने बताया है कि वह सुनीता विलियम्स का भव्य स्वागत करेंगे.
धरती पर उतरते ही स्पेसक्राफ्ट बन जाएगा आग का गोला
क्या आप जानते हैं जब अंतरिक्ष से कोई स्पेसक्राफ्ट वापस धरती पर लौटता है तब क्या होता है? 28000 कि.मी प्रति घंटे की रफ्तार होती है. स्पेसक्राफ्ट आग का गोला बन जाता है. उसे 3,500 डिग्री फैरनहाइट तक के तापमान का सामना करना पड़ता है. अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों पर धरती के गुरुत्वाकर्षण बल से चार गुना ज्यादा फोर्स लगता है. यह सब सफलतापूर्वक करने के लिए जरूरत होती है दुनिया की सबसे एडवांस तकनीक का उपयोग होता है. यहां पढ़ें पूरी खबर
स्पेसक्राफ्ट 'उगलेगा' आग, खुलेंगे 4 पैराशूट
इंतजार बस खत्म होने को है. भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बुधवार, 19 मार्च को तड़के सुबह 3.27 बजे धरती पर आने वाली हैं. उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी SpaceX के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन पर है, जो उन्हें लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से निकल चुका है. वैसे यह ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट धरती पर लैंड करेगा या समुंदर में गिरेगा? कैप्सूल स्पेसक्राफ्ट के दूसरे भाग से कब अलग होता है? उन 7 मिनट में क्या होता है जब ड्रैगन कैप्सूल आग के गोले में बदल जाता है? यहां पढ़ें पूरी स्टोरी
पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम लिखा पत्र
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स मंगलवार की शाम धरती पर लौटने वाली हैं. वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर असामान्य रूप से लंबे समय तक रहने के बाद वापस आ रही हैं. पूरी दुनिया की नजर उनकी सुरक्षित वापसी पर है. इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम एक भावुक पत्र लिखकर देश के 1.4 अरब लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया है.