अमेरिका का जो बाइडेन प्रशासन, आव्रजन अनुकूल (Immigration-friendly) कदम उठाते हुए H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी को भी ऑटोमैटिक वर्क ऑथराइजेशन परमिट देने पर सहमत हो गया है. इस कदम का हजारों भारतीय-अमेरिकी महिलाओं को फायदा मिलने की संभावना है. इस संबंध में होमलैंड सिक्युरिटी विभाग द्वारा क्लास एक्शन मुकदमे में समझौता किया गया जिसे अमेरिकन इमिग्रेशन लायर्स एसोसिएशन (AILA)ने इस गर्मी के सीजन में प्रवासियों के जीवनसाथियों (spouses) की ओर से फाइल किया था. AILA की ओर से जोन वासडेन ने कहा, 'यह H-4 वीजाधारक ऐसे लोग है जो एम्पलायमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट के स्वाभाविक एक्सटेंशन के लिए नियामक शर्तों को पूरा करते हैं लेकिन एजेंसी ने पूर्व मे इन्हें लाभ से वंचित रखा था, इन्हें फिर से ऑथराइजेशन के लिए इंतजार करना पड़ा है. मंजूरी नहीं दिए जाने के चलते ये बिना किसी वैध कारण के अपने उच्च सैलरी वाले जॉब गंवा रहे हैं.' वासडेन ने कहा कि इसके कारण अमेरिकी कारोबार को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.'
AILA डायरेक्टर ऑफ फेडरल लिटिगेशन जेसी ब्लेस ने कहा, 'हम इस फैसले पर पहुंचकर खुश हैं और यह H-4 के लिए बड़ी राहत साबित होगा.' गौरतलब है कि बराक ओबामा प्रशासन ने एच-1 वीजाधारकों को जीवनसाथी की कुछ कैटगरीज में काम करने का अधिकार दिया था. अब तक 90 हजार से अधिक H-4 वीजाधारकों, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी महिलाएं हैं, को वर्क ऑथराइजेशन हासिल हो चुका है.
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एच-4 वीजा, अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं द्वारा एच-1बी वीजा धारकों के निकटतम परिजनों (जीवनसाथी और 21 साल से कम उम्र के बच्चे) को जारी किया जाता है. यह वीजा सामान्य तौर पर उन लोगों को जारी किया जाता है जो अमेरिका में रोजगार आधारित वैधानिक स्थायी निवासी दर्जे की प्रक्रिया पहले ही आरंभ कर चुके हैं.एच-1बी वीजा गैर-आव्रजन वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की इजाजत देता है. इनके बूते प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों लोगों को नौकरी पर रखती हैं.