जापान में नए साल के दिन आए सिलसिलेवार भूकंपों से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई. भूकंप से कई घरों को नुकसान पहुंचा और काफी घरों में भीषण आग लग गई. कुछ लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एक दिन में आए 155 भूकंपों से हुए नुकसान का असल आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है. जापान मीडिया की खबरों में गिरी हुई इमारतें, एक बंदरगाह पर डूबी हुई नावें, बड़ी संख्या में जले हुए घर और कड़ाके की ठंड में बिजली के बिना रहने को मजबूर स्थानीय लोगों को दिखाया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर साझा किए गए फुटेज में रेलवे स्टेशनों पर सड़क के सिग्नल और डिस्प्ले बोर्ड भूकंप के बाद हिलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसकी तीव्रता 7.6 थी. जापान सरकार ने भूकंप के बाद सुनामी चेतावनी जारी कर दी थी, और तटीय इलाकों के निवासियों से कहा है कि वे अपने घरों में न लौटें, क्योंकि घातक लहरें अभी भी आ सकती हैं.
देश भर से हजारों सैन्यकर्मियों, अग्निशमन कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को नोटो प्रायद्वीप में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है. हालांकि, बुरी तरह क्षतिग्रस्त और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव प्रयासों में बाधा आई है और रनवे में दरार के कारण क्षेत्र के एक हवाई अड्डे को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
भूकंप के बाद कुछ इमारतें ढह गईं, कई जगह आग लग गई और पूर्वी रूस तक सुनामी की चेतावनी भेज दी गई, जबकि जापान के तटीय इलाकों में लोगों को खाली करने का आदेश दिया गया. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने शाम चार बजे के तुरंत बाद इशिकावा के तट और आसपास के प्रान्तों में भूकंप की सूचना दी, जिनमें से एक की प्रारंभिक तीव्रता 7.6 आंकी गई.
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