इजरायल ने गाजा पट्टी में कुछ 'बड़ा' करने का दिया संकेत, क्या जमीनी हमले की है तैयारी ?

अभी तक इज़रायल ने यह घोषणा नहीं की है कि वह गाजा में सेना भेजेगा, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वादा किया है कि आने वाले दिनों में हम अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे उसका असर पीढ़ियों तक रहेगा. 

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इजरायल गाजा पट्टी पर कुछ बड़ा करने की तैयारी में

नई दिल्ली:

इजरायल बीते छह दिनों से गाजा पट्टी और खास तौर पर हमास के ठिकानों पर हमला कर रहा है. लेकिन बीते कुछ दिनों की अगर बात करें तो इजरायल ने अपने हमलों की तीव्रता को बढ़ा दिया है. इजरायल की जनता और सुरक्षा से जुड़े लोग बीते शनिवार को देश पर हुए हमले के जवाब में बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बता दें कि बीते शनिवार को हमास के हमले में 1000 से ज्यादा इजरायली नागरिकों के मौत की बात सामने आई है. लेकिन अभी तक इजरायल ने जमीनी लड़ाई को उस तरह से शुरू नहीं किया जिसके लिए वो जाना जाता है.

इसकी एक वजह गाजा की घनी आबादी, सुरंगों के जलिट जाल को बताया जा रहा है.ऐसे में किसी भी कार्रवाई को करने से पहले हर तरह की तैयारी और उसके परिणाम को जानना बेहद जरूरी है.  हालांकि, अब ये बात निकलकर सामने आ रही है कि इजरायल आने वाले दिनों में कुछ बड़ा करने की फिराक में है. इसके लिए एक खास योजना पर काम भी किया जा रहा है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इजरायल गाजा पर जमीनी हमला करेगा ? 

पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव और सीआईए निदेशक लियोन पेनेटा ने मंगलवार को ब्लूमबर्ग टेलीविजन के "बैलेंस ऑफ पावर" पर कहा कि समस्या यह है कि गाजा में पहुंचने के बाद यह मूल रूप से घर-घर की लड़ाई है. और इसलिए इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. लेकिन दूसरी तरफ मुझे लगता है कि ये बेहद साफ हो चुका है कि इजरायल ने हमास को गाजा से पूरी तरह से खत्म करने का मन बना लिया है. 

ब्लूमबर्ग के अनुसार ऐसे में अगर आक्रमण होता तो इससे दोनों पक्षों को भारी नुकसान होगा और यह सवाल उठेगा कि क्या इज़रायल संघर्ष से बाहर निकलने की रणनीति तैयार कर सकता है. इजरायल के इस हमले का असर मध्य पूर्व के देशों पर भी पड़ेगा. और अगर ऐसा होता है तो इजरायल का अपने खाड़ी के देशों के साथ संबंधों पर भी असर पड़ेगा. और ऐसे में आशंका है कि कहीं ये संघर्ष एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाएगा.

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"गाजा में इजरायल का प्रतिरोध भयानक हो सकता है"

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि आक्रमण के बाद जो कुछ होगा, वह इराक में फालुजा के लिए 2004 की लड़ाई जैसा हो सकता है. जिसमें सड़क-दर-सड़क खूनी लड़ाई हुई थी. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी के अनुसार, गाजा में इजरायल का प्रतिरोध भयानक हो सकता है. हालांकि, अभी तक इज़रायल ने यह घोषणा नहीं की है कि वह गाजा में सेना भेजेगा, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वादा किया है कि आने वाले दिनों में हम अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे उसका असर पीढ़ियों तक रहेगा. 

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गाजा ने जुटाए रिजर्विस्ट

अभी जमीनी स्तर पर जिस तरह की चीजें हो रही हैं उससे ये तो साफ पता चल रहा है कि इज़रायल कुछ बड़ी योजना बना रहा है. फिलहाल वह हवा, जमीन और समुद्र से गाजा पर बमबारी कर रहा है. इसकी सेना हजारों सैनिकों को एडजस्ट करने के लिए गाजा पट्टी के बगल में एक बेस बना रही है क्योंकि इजरायली टैंकों के काफिले इस क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं. इजरायल ने पहले ही 300,000 रिजर्विस्ट जुटा लिए हैं - जो इसके इतिहास में सबसे अधिक है.

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इजरायली सेना का बयान

इज़रायली सेना के प्रवक्ता रिचर्ड हेचट ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था कि इज़रायल बहुत गंभीर और आक्रामक तरीके से जवाब देने जा रहा है. इस हमले में जानमाल का और अधिक नुकसान होगा. अगर अनुमान सही रहा तो इज़राइल ज़मीनी आक्रमण शुरू करेगा, गाजा में हवाई युद्ध की सीमाओं पर निर्भर करता है. हवाई हमलों से उन सुरंगों, भूमिगत हथियारों के भंडार और तस्करी के मार्गों को खत्म करने में संभावना मिले इसकी गुंजाइश कम लगती है. 

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कीथ अलेक्जेंडर, एक सेवानिवृत्त चार सितारा अमेरिकी सेना जनरल, जो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के निदेशक थे, ने कहा कि किसी बिंदु पर उन्हें अंदर जाना होगा. वे सीमित ऑपरेशन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन यह कब्जे के लिए काफी बड़ा क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे लोगों को शामिल करना है. 

गाजा में सड़क से सड़क तक लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसकी एक वजह ये है कि यहां वाशिंगटन, डीसी के दोगुने आकार के क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रखा गया है. अरब अधिकारियों को डर है कि मृत नागरिकों की तस्वीरें अरब जनता के बीच प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं, जिससे उनकी सरकारों पर इज़राइल के साथ संबंध खत्म करने का दबाव पड़ सकता है.

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