इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) के कारण गाजा (Gaza) में मानवीय संकट गहराता जा रहा है. करीब 11 लाख फिलिस्तीनी वहां फंसे हुए हैं, जिसमें से इजरायली हमले की वजह से करीब 3,40,000 से ज्यादा विस्थापित हो चुके हैं. अब संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने आगाह किया है कि अगर तत्काल अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता गाजा में नहीं पहुंचाई गई तो वहां रहने वाले लोगों पर "भुखमरी का खतरा" और बड़ा हो जाएगा.
गाजा पर इजरायली हमले के बाद वहां मानवीय त्रासदी गहराती जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अब तक 3,40,000 से ज्यादा लोग गाजा से विस्थापित हो चुके हैं और करीब 2,20,000 प्रभावित लोगों ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी के 92 स्कूलों में शरण ली है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादियों ने चेतावनी दी है कि विस्थापितों तक आवश्यक आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचने के कारण गाजा में भोजन, पानी, बिजली और महत्वपूर्ण आपूर्ति खत्म होने के कगार पर है. इजरायल ने गाजा में बिजली, भोजन, पानी और ईंधन की सप्लाई को हर तरह से रोक कर "पूर्ण घेराबंदी" कर दी है.
गाजा में इजरायली हमले में घायल हुए लोगों की मदद कर रहे अंतरराष्ट्रीय संगठन "डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स" की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फरहत मंटू ने एनडीटीवी से कहा कि बमबारी की वजह से हम अपनी चिकित्सा सुविधाओं की सुरक्षा की गारंटी देने में असमर्थ हो रहे हैं.
द यूएन ऑफिस फोर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेटेरियन अफेयर्स के मुताबिक, गाजा में फंसे 13 लाख फिलिस्तीनियों तक आपात मदद पहुंचाने के लिए तत्काल 294 मिलियन डॉलर यानी 2446 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की जरूरत है.
सवाल गाजा में मानवीय सहायता में जुटे मेडिकल वर्कर्स की सुरक्षा को लेकर भी उठ रहे हैं. अब तक फिनिस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी के 12 वर्कर 7 अक्टूबर के बाद से अब तक मारे जा चुके हैं.
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