हमास के प्रमुख याह्या सिनवार को इजरायली सेना ने मार गिराया. याह्या सिनवाह हमास लड़ाकों के लिए एक बड़ा नेता था. हमास के लड़ाके उसकी कही हर बात को पूरी तरह से पूरी करते थे. हमास पर इस समय इजरायल कहर बनकर हमले कर रहा है. फिलिस्तीन के गाज़ा इलाके को इजरायल ने पूरी तरह से बरबाद कर दिया है. लाखों लोगों के घर तबाह हो गए हैं और हजारों लोग मारे जा चुके हैं. घरों से भागकर लाखों लोगों को राहत कैंपों में रहना पड़ रहा है और जिंदगी बचाने की अलग ही जंग लड़नी पड़ रही है. ऐसे में पिछले एक साल से इजरायल के हमले झेल रहे गाज़ा में हमास के लड़ाकों ने इजरायल के सामने घुटने नहीं टेके हैं. ये लड़ाके अभी भी इजरायल का विरोध कर रहे हैं और जवाबी हमले करने का मौका नहीं छोड़ते. इजरायल का हमला हमास को लगभग पूरी तरह से समाप्त करने के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इजरायल का कहना है कि वह चाहता है कि हमास के बचे हुए लड़ाके जल्द से जल्द आत्मसमर्पण कर दें और बचे हुए बंधकों को इजरायल को सौंप दे.
हमास के पास 100 के करीब लड़ाके
बता दें कि पिछले साल 7 अक्तूबर को हमास के हजारों लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया था और 1206 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. साथ ही वापस जाते समय वे अपने साथ 255 के करीब इजरायली लोगों को बंधक के रूप में ले गए थे. इसके बाद जब से इजरायल ने हमले का जवाब दिया है तब से वह बंधकों की रिहाई की मांग एक शर्त के रूप में रख रहा है. वहीं, हमास की ओर से बंधकों को रिहा नहीं करने के बात कही जा रही है. पहले माना जा रहा था कि हमास के प्रमुखों को निपटाने के बाद बचे हुए लड़ाके इजरायल के दबाव में बंधकों को रिहा कर देंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. खबरों के मुताबिक अभी भी हमास के पास 100 के करीब बंधक हैं.
तेहरान में लगे खूनी पोस्टर
अब खबर ईरान से आ रही है. येरुसेलम पोस्ट की खबर के अनुसार ईरान की राजधानी तेहरान के फिलिस्तीन चौराहे पर एक पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में कथित तौर पर इजरायल के बंधकों की तस्वीरों को दिखाया गया है. दावा किया जा रहा है कि ये वही 7 अक्तूबर को पकड़े गए बंधक हैं. इस पोस्टर में कहा गया है कि किसी भी बंधक को जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा. यह बात इजरायली भाषा हिब्रू में लिखी गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस पोस्टर में सभी चेहरों पर खून के धब्बे या कहें छींटे डाले गए हैं. एक प्रकार से यह खूनी पोस्टर लगाकर ईरान की ओर से इजरायल को संदेश देने की कोशिश की गई है. बता दें कि हमास को आतंकी संगठन कहा जाता है और इस पूरी तरह से ईरान मदद देता है.
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इजरायल गाज़ा और लेबनान में कर रहा है हमले
इस पोस्टर में एक बंधक नोआ अरगामनी की तस्वीर भी है जिसे इजरायली सेना ने जून के एक ऑपरेशन में आजाद करा लिया था. ईरान ने इजरायल के गाज़ा पर हमले के बाद से दो बार हमला किया है. ईरान का हमास को समर्थन के अलावा लेबनान के हिजबुल्ला लड़ाकों को भी समर्थन है. इस समय इजरायल की ओर से दोनों ही देशों में ऑपरेशन चल रहे हैं.
सिनवार की मौत के बाद परिजन परेशान
अब गाज़ा में हमास के प्रमुक याह्या सिनवार की मौत के बाद से इजरायल में बंधकों के रिश्तेदारों में दो तरह की राय है. कुछ बंधकों के परिजनों का कहना है कि सिनवार की मौत के बाद से हमास के बचे लड़ाकों से बंधकों की रिहाई आसानी से हो सकती है जबकि कुछ अन्य का मानना है कि सिनवार की मौत के बाद अब बंधकों की रिहाई मुश्किल होगी. ऐसे में ईरान में इस तरह के पोस्टर लगने के बाद से बंधकों के परिजनों में अनिश्चितता का माहौल बनता जा रहा है.
सिनवार की आखिरी इच्छा
इजरायल में बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले गेरशॉन बस्किन का कहना है कि सिनवार की मौत एक झटका की तरह है. इसके पीछे उनका तर्क यह है उन्हें सुनने में यह आ रहा है कि सिनवार ने अपने लोगों को निर्देश दिया था कि यदि वह युद्ध में मारा जाता है तो वे बंधकों को मौत के घाट उतार दें.
इससे पहले भी इस प्रकार की खबरें आ रही थी कि हमास ने इजरायल को कई बार युद्ध रोकने के लिए कहा था और बातचीत के लिए आगे आने को कहा था. साथ ही उनका साफ कहना था कि यदि इजरायल अपनी कार्रवाई नहीं रोकेगा तो उसने अपने लड़ाकों को निर्देश दिया है कि यदि आईडीएफ के लड़ाके पास आते हैं तो वे बंधकों को मौत के घाट उतार दें.
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बस्किन का यह भी कहना है कि संभव यह भी है कि इजरायल यह भी ऑफर दे सकता है कि बचे हुए हमास के लड़ाके बंधकों की रिहाई कर दें और वे अपने परिवार के साथ किसी भी अन्य देश में सुरक्षित जा सकते हैं. या संभव है कि इजरायल बंधकों के बदले रकम अदायगी भी कर सकता है.