इजरायल ने अब ईरान पर शुरू किया हमला, तेहरान के परमाणु और सैन्य लक्ष्यों को बनाया निशाना

Israel Attacks Iran nuclear and military targets: इजरायल ने शुक्रवार, 13 जून की सुबह कहा कि उसने ईरान पर हमला किया है, और ईरानी मीडिया ने कहा कि ईरान की राजधानी तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी गई.

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इजराइल ने कहा कि उसने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है.

इजरायल ने अब ईरान पर हमला करना शुरू कर दिया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल ने शुक्रवार, 13 जून की सुबह कहा कि उसने ईरान पर हमला किया है, और ईरानी मीडिया ने कहा कि ईरान की राजधानी तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी गई. इजरायल की तरफ से ईरान पर हमला उस समय शुरू हुआ है जब ईरान और अमेरिका के बीच एक नए न्यूक्लियर डील पर पहुंचने के अब तक के प्रयास नाकाम साबित हुए हैं और पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा हुआ है. 

इजरायल को अब यह भी आशंका है कि उसके हमले के बाद तेहरान उसपर मिसाइल और ड्रोन हमला कर सकता है, इसी आशंका में इजरायल आपातकाल की घोषणा कर दी है. उसने अपने एयर स्पेस को भी पूरी तरह बंद कर दिया है. हालांकि इजरायल के हमले के बाद अमेरिका ने पूरी तरह से पल्ला झाड़ते हुए ईरान को मैसेज दे दिया है कि यह इजरायल की एकतरफा कार्रवाई थी, इसमें अमेरिका का कोई हाथ नहीं.

ईरान के परमाणु और सैन्य लक्ष्यों पर हमला

एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने कहा कि इजरायल "दर्जनों" परमाणु और सैन्य लक्ष्यों पर हमला कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि ईरान के पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री है. रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने एक बयान में कहा, "ईरान के खिलाफ इजरायल राज्य द्वारा पूर्वव्यापी हमले के बाद, तत्काल समय सीमा में इजराइल देश और इसकी नागरिक आबादी के खिलाफ एक मिसाइल और यूएवी (ड्रोन) हमले की उम्मीद है."

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नाम न छापने की शर्त पर दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इजरायल ने ईरान पर हमले करना शुरू कर दिया है और ऑपरेशन में कोई अमेरिकी सहायता या भागीदारी नहीं थी. सीएनएन ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कैबिनेट बैठक बुलाई है.

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ईरान पर इजरायल के हमले की खबर आते ही कच्चे तेल की कीमतें 3 डॉलर प्रति बैरल से अधिक उछल गईं.

ईरान के सरकारी टीवी ने कहा कि तेहरान में कई विस्फोट सुने गए और देश की वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) पूरी तरह अलर्ट पर है. दोनों देशों के अधिकारियों और उनके ओमानी मध्यस्थों के अनुसार, अमेरिकी और ईरानी अधिकारी रविवार को ओमान में तेहरान के बढ़ते यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम पर छठे दौर की वार्ता (न्यूक्लियर डील की वार्ता) करने वाले थे. लेकिन बातचीत में गतिरोध बनता दिख रहा है.

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अमेरिका ने पहले ही संकेत दिया था- हमला होने वाला है

ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि ईरान पर इजरायली हमला "बहुत अच्छी तरह से हो सकता है" लेकिन शांतिपूर्ण समाधान की अपनी आशा दोहराई. अमेरिकी खुफिया ने संकेत दिया था कि इजरायल ईरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ हमले की तैयारी कर रहा था, और अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इजरायल आने वाले दिनों में हमला कर सकता है.

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इजरायल ने तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के प्रयास में अपने लंबे समय से दुश्मन ईरान पर हमला करने पर लंबे समय से चर्चा की है.

एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी सेना मिडिल ईस्ट में इमरजेंसी की स्थिति में क्या करेगी, इसकी पूरी योजना बना रही है, जिसमें यह संभावना भी शामिल है कि उसे अमेरिकी नागरिकों को निकालने में मदद करनी पड़ सकती है.

अमेरिका ने पल्ला झाड़ा

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ईरान के खिलाफ इजरायल के हमलों में शामिल नहीं था, साथ ही उसने तेहरान से क्षेत्र में अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाने का आग्रह किया. रुबियो ने एक बयान में कहा, "आज रात, इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी बलों की रक्षा करना है."

उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं: ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए."

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