- कतर में हमास के अधिकारियों पर इजरायल ने हमला किया, जिसके बारे में अमेरिका को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी.
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल के हमले की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका की इस हमले में कोई भूमिका नहीं है
- कतर गाजा युद्ध के शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था, जहां हमास के अधिकारी वार्ता के लिए मौजूद थे.
कतर में हमास के अधिकारियों के खिलाफ इजरायल ने हमला करके अमेरिका को सकते में डाल दिया है. अमेरिका के एक साथी पर अमेरिका के दूसरे साथी ने हमला किया है और दोनों की रक्षा की जिम्मेदारी जिस अमेरिका ने अपने कंधे पर ले रखी है उसके राष्ट्रपति को पता ही नहीं थी कि उसके पीठ पीछे खेला हो रहा था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमलों को लेकर मंगलवार, 9 सितंबर को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की जो आमतौर पर नजर नहीं आती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है.
ट्रंप ने कहा कि उन्हें खाड़ी देश कतर पर इजरायली हमले के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं मिली थी. दरअसल गाजा युद्ध को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर ही इजरायल और हमास के बीच बातचीत में मीडिएटर की अहम भूमिका निभा रहा है. कतर की राजधानी दोहा में हमास के अधिकारी समझौता वार्ता के लिए मौजूद थे और उन्हीं पर इजरायल ने हमला किया है.
वाशिंगटन के एक रेस्टोरेंट में ट्रंप ने मीडिया से बात की और कहा, "मैं पूरी स्थिति को देखकर रोमांचित (थ्रिल्ड) नहीं हूं… हम बंधकों को वापस चाहते हैं, लेकिन आज जो हुआ उससे हम रोमांचित नहीं हैं."
दोहा पर इजरायल का हमला अमेरिका के लिए अधिक संवेदनशील हो सकता है. वजह है कि कतर न सिर्फ गाजा शांति वार्ता में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है बल्कि वहां अमेरिका का एक विशाल एयरबेस है. इस साल ही मध्य पूर्व दौरे के दौरान कतर ने ट्रंप की मेजबानी की थी. तेल से समृद्ध कतर ने हाल ही में ट्रंप को राष्ट्रपति विमान के रूप में उपयोग करने के लिए एक लक्जरी बोइंग 747-8 जेट भी दिया था.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "यह प्रधान मंत्री नेतन्याहू द्वारा लिया गया निर्णय था, यह मेरे द्वारा लिया गया निर्णय नहीं था… मैं कतर को अमेरिका के एक मजबूत सहयोगी और मित्र के रूप में देखता हूं, और हमले के स्थान के बारे में बहुत बुरा महसूस करता हूं." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमास को खत्म करना अभी भी एक "योग्य लक्ष्य" था.
ट्रंप ने कहा, "एक संप्रभु राष्ट्र और संयुक्त राज्य अमेरिका के करीबी सहयोगी कतर के अंदर एकतरफा बमबारी, जो शांति स्थापित करने के लिए हमारे साथ बहुत कड़ी मेहनत और बहादुरी से जोखिम उठा रहा है, इजरायल या अमेरिका के लक्ष्यों को आगे नहीं बढ़ाता है."
अमेरिका को कुछ पता ही नहीं था…
अमेरिकी राष्ट्रपति को दुनिया के सामने यह कबूल करना पड़ा कि वाशिंगटन को इजरायल के हमले की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस को "अमेरिका की सेना द्वारा सूचित किया गया था कि इजरायल हमास पर हमला कर रहा है, जो बहुत दुर्भाग्य से, दोहा के एक हिस्से में स्थित था… मैंने तुरंत विशेष दूत स्टीव विटकोफ को होने वाले हमले के बारे में कतर को सूचित करने का निर्देश दिया. उन्होंने ऐसा किया लेकिन दुर्भाग्यवश, हमले को रोकने में बहुत देर हो गई."
ट्रंप ने कहा कि इसके बाद उन्होंने नेतन्याहू से बात की. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री (नेतन्याहू) ने मुझसे कहा कि वह शांति स्थापित करना चाहते हैं. मेरा मानना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शांति के लिए एक अवसर के रूप में काम कर सकती है."
कतर ने हमले के बारे में शिकायत की है तो ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को दोहा के साथ एक रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को फोन पर आश्वासन दिया था कि "उनकी धरती पर ऐसा दोबारा नहीं होगा."
दोहा ने पहले जोर देकर कहा था कि उसे हमले की कोई चेतावनी नहीं थी. कतरी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने सोशल मीडिया पर कहा, "एक अमेरिकी अधिकारी का फोन तब आया जब दोहा में इजरायली हमले के बाद विस्फोट की आवाजें आ रही थीं."
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