ईरान के सुप्रीम लीडर पर लगा ड्रग्‍स लेने का आरोप! ईरान के जर्नलिस्‍ट ने बताई सारी सच्‍चाई

मोसाद स्पोक्सपर्सन के नाम से आई पोस्‍ट को ईरान के एक जर्नलिस्‍ट ने उस खबर को सिरे से नकार दिया है जिसमें ईरान के सुप्रीम लीडर पर ड्रग्‍स तक लेने की बातें कही गई हैं.

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  • ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्‍ला अली खामनेई के खिलाफ झूठी रिपोर्ट से मुस्लिम समाज में गुस्‍सा पैदा हो गया है.
  • 86 साल के आयतुल्लाह खामनेई ना सिर्फ ईरान के सर्वोच्च नेता हैं बल्कि शिया धर्म के लोगों के धार्मिक नेता भी हैं.
  • ईरान के जर्नलिस्‍ट ने कहा कि ये फेक खबरें कई सालों से चलाई जा रही है. इनमें कोई भी सच्‍चाई नहीं है.
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तेहरान:

एक्स(पूर्व ट्विटर) पर मोसाद स्पोक्सपर्सन के नाम से एक ट्वीट किया गया जिसमें बिना नाम लिए कहा गया कि  'एक नेता कैसे नेतृत्व कर सकता है जब वह दिन का आधा हिस्सा सोता है और दूसरा आधा हिस्सा ड्रग्स में रहता है? पानी, बिजली, जीवन!' इस रिपोर्ट पर भारत में भी मुसलमानों में नाराजगी है और ईरान के जर्नलिस्‍ट ने खुद इसकी सच्‍चाई बताई है. ईरान के पत्रकार मोहम्मद खतीबी से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि ये फेक खबरें कई सालों से चलाई जा रही है. इनमें कोई भी सच्‍चाई नहीं है. 

खामेनेई का पूरा रूटीन 

वहीं जहां मोसाद स्पोक्समेन के द्वारा ये आरोप लगाया गया कि आयतुल्लाह खामनेई दिन भर सोते हैं तो वहीं आयतुल्लाह खामनेई ने अपनी स्पीच में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वो सुबह 5 बजे उठ जाते हैं.. जिसके बाद पढ़ाता हूं.. और काम करता हूं.. फिर दोपहर की नमाज फिर काम.. इसी तरह शाम तक व्यस्त होता हूं.. और रात 10.15 से 10.30 तक सोने के लिए जाता हूं.. साथ ही युवाओं को भी सलाह दी. 

ईरान के पत्रकार ने बताई सच्चाई 

वहीं NDTV ने ईरान के पत्रकार मोहम्मद खतीबी से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि ये फेक खबरें कई सालों से चलाई जा रही है... यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ प्लेटफार्म भी इस तरह की फेक न्यूज को प्रमोट करते हैं. इसका उदाहरण हम देख सकते हैं कि कुछ वक्त पहले ये  खबर दी थी कि अयातुल्लाह खामेनेई की तबीयत खराब है, वो कोमा में है..  लेकिन हमने देखा कि अयातुल्लाह खामेनेई हम सबके सामने सही सलामत दिखें. 

दिन भर सोते हैं खामेनेई? 

वहीं अभी भी  तेलअवीव(इजरायल) लिंक एक सोशल मीडिया अकाउंट ने एक फर्जी खबर डाली(अयातुल्लाह खामेनेई दिन भर सोते हैं और ड्रग्स में रहते हैं)और उसे न्यूज संगठन कवर कर रहे हैं. यहां तक कि ईरान इंटरनेशनल जो फारसी भाषा में भी है वो भी इसे प्रमोट करता है..ये सच्ची पत्रकारिता के स्तर को नीचे गिराता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.. लेकिन वो सोचते हैं कि इससे ईरानी लोगों का मनोबल टूटेगा लेकिन वो इस चीज में कामयाब नहीं हो पाएंगे क्योंकि सभी ईरानी अपने झंडे के साथ खड़े हुए हैं.  

खामेनेई का है बड़ा प्रभाव 

86 साल के आयतुल्लाह खामनेई ना सिर्फ ईरान के सर्वोच्च नेता हैं बल्कि वो शिया धर्म के लोगों के धार्मिक नेता भी हैं.. इस लिए जब भी आयतुल्लाह खामनेई के खिलाफ कुछ भी गलत पोस्ट होता है तो उसका विरोध प्रदर्शन भारत में भी देखने को मिलता है.. वहीं जिस तरह से कई न्यूज़ संगठन ने बिना ईरान की तरफ से उनका पक्ष लिए बिना ये रिपोर्ट लगाई उससे साफ है कि लोगों के दिलों में गुस्सा जरुर है.. वहीं जहां अब उन फेक रिपोर्ट को हटाया जा रहा है उससे ज़रुर लोगों का गुस्सा शांत होगा. 

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