शनिवार को भारत के तट पर एक व्यापारिक जहाज पर संदिग्ध ड्रोन हमला हुआ था. इस हमले को लेकर पेंटागन की और से अब एक बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि ये ड्रोन ईरान से लॉन्च किया गया था. मोटर जहाज केम प्लूटो, एक लाइबेरिया-ध्वजांकित, जापानी-स्वामित्व वाला और नीदरलैंड-संचालित रासायनिक टैंकर पर स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजे हिंद महासागर में संदिग्ध ड्रोन हमला हुआ था. जिस समय इसपर हमला हुआ था. ये भारत के तट से 200 समुद्री मील दूरी पर था. जहाज के चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे.
यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज कर दिए हैं. वहीं यह पहली बार है जब पेंटागन ने ईरान पर सीधे जहाजों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से कच्चा तेल लेकर मंगलुरु बंदरगाह जा रहा था.
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि एमवी केम प्लूटो का संचालन करने वाली डच कंपनी "इज़राइली शिपिंग टाइकून इदान ओफ़र से जुड़ी हुई है.
भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया, " व्यापारिक जहाज की मदद करने के लिए अग्रिम मोर्चे के एक युद्धपोत को भेजा गया था."
सूत्रों ने कहा कि ‘यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस' (यूकेएमटीओ) द्वारा घटना की सूचना दिए जाने के बाद नौसेना के पी-8आई समुद्री गश्ती विमान को जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया. विमान ने जहाज एम वी केम प्लूटो और उसके चालक दल के सुरक्षित होने का पता लगाया.
उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना ने व्यापारिक जहाज की मदद करने के लिए अग्रिम मोर्चे के एक युद्धपोत को भेजा जबकि भारतीय तटरक्षक ने भी कार्रवाई करते हुए अपने जहाज आईसीजीएस विक्रम को घटनास्थल के लिए रवाना किया था.
हमले के बाद जहाज पर आग भी लग गई थी. राहत की बात रही कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ.
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