मेटा में नई जॉब करने गया था कनाडा, ज्वॉइनिंग के 2 दिन बाद ही चली गई नौकरी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने 11,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. नई भर्तियों पर तो पहले से ही रोक लगाई जा चुकी है. जॉइनिंग के 2 दिन के अंदर नौकरी जाने पर भारतीय युवा ने लिंक्डइन में पोस्ट कर अपना दुख शेयर किया है.

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मेटा ने कहा कि उसने कंपनी की लागत को कम करने के लिए छंटनी का फैसला लिया है.
टोरंटो:

ट्विटर के बाद अब फेसबुक (मेटा) बड़ी मात्रा में कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. मार्क जुकरबर्ग के नेतृत्व वाले मेटा ने अपने 11000 से अधिक कर्मचारियों को एक झटके में नौकरी से निकाल दिया. जिन कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, उनमें से एक भारतीय युवा भी था. हिमांशु वी मेटा में अपनी नई नौकरी के लिए भारत से कनाडा शिफ्ट हो गए थे. ज्वॉइनिंग के दो दिन बाद ही उनकी नौकरी चली गई. था. उन्होंने लिंक्डइन पर अपनी आपबीती शेयर की है. हिमांशु के लिंक्डइन पोस्ट के अनुसार वह आईआईटी-खड़गपुर से ग्रैजुएट हैं. उन्होंने फ्लिपकार्ट, गिटहब और एडोब जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है.

मेटा में नौकरी जाने पर हिमांशु ने लिंक्डइन पोस्ट में अपना दुख बयां किया है. उन्होंने लिखा, 'इस समय जो भी इस तरह की कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा है, मुझे उसके लिए बहुत दुख हो रहा है. अब मेरा क्या होगा? ईमानदारी से कहूं, तो मेरे पास कोई आइडिया नहीं हैं. आगे क्या होगा मैं उसका इंतजार कर रहा हूं. अगर आपको कनाडा या भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए किसी हायरिंग या पोस्ट के बारे में जानकारी है, तो कृपया मुझे बताएं.' 

मेटा क्यों कर रही छंटनी?
मेटा ने कहा कि उसने कंपनी की लागत को कम करने के लिए छंटनी का फैसला लिया है. कंपनी के अनुसार, बढ़ी हुई लागत मुनाफे को खा रही है और इससे राजस्व में गिरावट हो रही है. मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'आज मैं आपसे मेटा के इतिहास के कुछ सबसे कठिन फैसले शेयर कर रहा हूं. मैंने अपनी टीम के आकार को 13 फीसदी घटाने का फैसला लिया है. इससे हमारे 11,000 प्रतिभाशाली कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी.' फेसबुक, इंस्टाग्राम (Instagram) और वॉट्सएप (WhatsApp) तीनों की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (Meta Platforms Inc) ही है. मेटा में छंटनी से पहले 87,000 कर्मचारी काम करते हैं. कंपनी ने इनमें से 13 फीसदी कर्मचारियों को बाहर किया है.

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मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा, “हम यहां कैसे पहुंचे, मैं इसकी जवाबदेही लेता हूं. मुझे पता है कि यह सभी के लिए कठिन है, और जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं, उनके लिए मुझे खेद है.” 2004 में शुरू हुई कंपनी के 18 सालों के इतिहास में ये सबसे बड़ी छंटनी हैं. कंपनी की खस्ता माली हालत और खराब तिमाही नतीजों के चलते ये फैसला लिया गया है.

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4 महीने की मिलेगी सैलरी
WSJ की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा के जिन कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, उन्हें 4 महीने की सैलरी दी जाएगी. कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स हेड लॉरी गोलेर के अनुसार, निकाले गए कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर 4 महीने की सैलरी दी जाएगी.

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ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने भी की है छंटनी
इससे पहले एलन मस्क (Elon Musk) के ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर निकाला है. ट्विटर ने पिछले हफ्ते अपने आधे स्टाफ को ही नौकरी से निकाल दिया था. हालांकि, बाद में कुछ स्टाफ को नौकरी पर वापस बुलाया गया है. ट्विटर के अलावा स्ट्राइप, सेल्सफोर्स, लिफ़्ट, स्पॉटिफ़ाई, पेलोटन, नेटफ्लिक्स, रॉबिनहुड, इंस्टाकार्ट, उडेसिटी, बुकिंग डॉट कॉम, ज़िलो, लूम, बियॉन्ड मीट (Beyond Meat) और कई अन्य कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी हुई है.

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